डॉ. गिरधर माथनकर

डॉ. गिरधर माथनकर
क्या गंगा सिर्फ एक साधन
Posted on 30 Sep, 2008 05:45 PM

डॉ. गिरधर माथनकर
देश के आज के परिदृश्य पर नजर दौड़ाते हैं तो यह लगता है कि समस्याओं और उनके समाधानों में मेल बहुत कम देखने को मिलता है। स्थिति यह है कि हम 3 समस्यायें सुलझाने के चक्कर में 13 नयी समस्यायें पैदा कर लेते हैं।

मुद्दा है गंगा के प्रवाह की अविरलता जरूरी है या गंगा व उसकी सहायक नदियों पर बड़े, मझोले व छोटे बांध बनाये जायें, गंगा को हिमालय में सुरंगों में से प्रवाहित किया जाये, उस पर वैराज बनाये जाये। वैसे यह मुद्दा पूर्व में भी चिंतकों ने उठाया ही है, लेकिन जून 08 में पर्यावरणविद्, आई.आई.टी. कानपुर के पूर्व प्रोफेसर डॉ. गुरूदास अग्रवाल के उत्तरकाशी में गोमुख से उत्तरकाशी तक गंगा (भागीरथी) के नैसर्गिक स्वरूप से की जा रही छेड़छाड़ के विरोध में आमरण अनशन पर बैठने से अखबारों व अन्य संचार माध्यमों में यह मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा।

गंगा
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