Posted on 17 Mar, 2017 04:53 PM मानव इतिहास के वर्तमान दौर में राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय सभी स्तरों पर राज्य की सर्वमान्य अवधारणा एक कल्याणकारी राज्य की है। लोकतांत्रिक प्रणाली में जनता राज्य की स्थापना करती है और राज्य का यह दायित्व है कि वह जनता के कल्याण का पूरा ध्यान रखे। संविधान में दिये गये मौलिक अधिकारों को समाज का मुख्य आधार माना जाता है। इस भाग में राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य की संवैधानिक प्रतिबद
Posted on 17 Mar, 2017 01:21 PM इस पुस्तक का मकसद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को व्यापक नजरिए से समझना और इसके सन्दर्भ में सामाजिक पहल को सशक्त बनाना है। इसमें हमने मुख्य रूप से निम्न पहलू शामिल किये हैं
Posted on 16 Mar, 2017 04:37 PM भारत को खाद्यान्न सुरक्षा एवं आर्थिक विकास के पथ पर बढ़ते हुए जलवायु परिवर्तन पर सचेत रहने की आवश्यकता है। हमें कृषि, वानिकी व उद्यानिकी के क्षेत्रों में व्यापक सुधार के साथ-साथ जीवन के हर स्तर पर न्यूनतम आवश्यक ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना होगा। आर्थिक विकास की रणनीति इस प्रकार बने कि भारत विकास के मार्ग पर आगे भी बढ़ता जाये और कार्बन उत्सर्जन भी काबू में रहे। प्राकृतिक संसाधनों की क
Posted on 16 Mar, 2017 01:21 PM पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिये 100 प्रतिशत राशनकार्डों का डिजीटलीकरण कर दिया गया है तथा 71.13 प्रतिशत राशनकार्डों को आधार कार्ड से जोड़ा जा चुका है। 29 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में खाद्यान्नों का ऑनलाइन आवंटन आरम्भ हो चुका है। 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कम्पयूटरीकृत आपूर्ति शृंखला शुरू की जा चुकी है। सतत प्रयासों के द्वारा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में उल