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दिल्ली की यमुना में भूजल को बचाने की एक योजना
Posted on 02 Sep, 2009 09:20 AM

बाढ़जनित जलभरण क्षेत्रों द्वारा प्राकृतिक भूजल को बड़े पैमाने पर संरक्षित करने की एक योजना

नरेगा से अब फौरी नहीं स्थायी आजीविका संभव होगी
Posted on 27 Aug, 2009 07:09 AM
योजना आयोग के सदस्य डॉक्टर मिहिर शाह ने ईटी से खास बातचीत में कहा, 'नरेगा की सफलता को अब इस बात की कसौटी पर कसा जाएगा कि गांवों से पलायन की दर में कितनी कमी आई है। नरेगा के स्वरूप में इस तरह बदलाव करने का प्रस्ताव है कि 2 हेक्टेयर तक जमीन रखने वाले किसानों के खेत में कुएं, मेढ़ और जलाशय का काम इस योजना के दायरे में लाया जाए। सभी वर्गों के गरीब किसानों को योजना के दायरे में लाते समय इस बात की व्यवस्था की जाएगी कि दलित और आदिवासियों के हितों से किसी तरह का समझौता ना हो।'नई दिल्ली- यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में शुरू की गई ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) को दूसरे कार्यकाल में नया ढांचा देने की तैयारी जोरों पर है। योजना आयोग की कोशिश है कि नरेगा के अंतर्गत दलित और आदिवासियों को तो रोजगार मिले ही साथ ही 2 हेक्टेयर से कम जोत वाले सभी किसानों को इसके दायरे में लाया जाए।

यही नहीं सार्वजनिक क्षेत्रों के काम के साथ ही किसानों के खेत में कुआं खोदने, मेढ़ बांधने और इसी तरह के दूसरे काम को भी नरेगा के दायरे में लाया जाए। देश में सूखे की स्थिति को देखते हुए आयोग चाहता है कि नरेगा के जरिए गांवों में जल आपूतिर् की स्थायी व्यवस्था हो ताकि गांवों में आजीविका की दूरगामी और स्थायी व्यवस्था
नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा यमुना के \"फ़्लडप्लेन्स\" पर अतिक्रमण की योजना
Posted on 20 Aug, 2009 10:19 PM

28 मई को नोएडा विकास प्राधिकरण ने अपनी वेबसाईट पर एक जाहिर सूचना जारी की है, जिसके कारण पर्यावरण के प्रति जागरूक क्षेत्रवासी विचलित हैं। इस सूचना में प्राधिकरण ने नागरिकों से, दिल्ली-नोएडा-दिल्ली टोल रोड तथा पुराना पुस्ता रोड (नया बाँस गाँव स्थित) के बीच स्थित प्लॉट पर बहुमंजिला इमारतों के निर्माण हेतु सुझाव व टिप्पणियाँ आमंत्रित की हैं। जबकि यह विशाल
यमुना
ज्ञान चौपाल: जलवायु साक्षरता एवं सतत व्यवस्था बनाना (कार्यशाला)
Posted on 13 Aug, 2009 08:06 PM
एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन (MSSRF) के ग्रामीण ज्ञान अभियान (GGA) द्वारा 2-3 सितम्बर 09 को जलवायु साक्षरता और भोजन और पानी की सतत सुरक्षा व्यवस्थाओं पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यशाला राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली होगी।
भूजल पर अब क्रोमियम का भी कहर
Posted on 10 Aug, 2009 04:05 PM
दिल्ली और वाराणसी में भी घुसपैठ कर चुका है क्रोमियम
यमुना में अमोनिया बार- बार खतरनाक स्तर तक
Posted on 06 Aug, 2009 08:30 AM
नई दिल्ली (एसएनबी)। हरियाणा की आ॓र से छोड़े गए पानी में एक बार फिर घातक अमोनिया पाई गई है। यमुना में अमोनिया की मात्रा 1 पीपीएम पाई गई है, जबकि इसका सामान्य स्तर .2 से .4 पीपीएम तक होता है। यमुना में अमोनिया आने का पता वजीराबाद जलाशय से चला, जहां से राजधानी के दो जलसंयंत्रों को पानी पहुंचता है। जल बोर्ड ने अपने दोनों जलसंयंत्रों में 25 फीसद तक जलशोधन घटा दिया है। यमुना में अमोनिया आने की जानकारी ज
निमंत्रण- यमुना सत्याग्रह पर संघर्ष के 2 साल पूरे होने पर
Posted on 28 Jul, 2009 07:41 PM
यमुना सत्याग्रह पर संघर्ष के 2 साल पूरे करने के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। 1 अगस्त, सुबह 9 बजे कार्यक्रम रखा गया है।

यमुना पर काम कर रहे जल संगठनों की ओर से आयोजित कार्यक्रम में राजेन्द्र सिंह, कुलदीप नायर, डॉ. विक्रम सोनी,राधा भट्ट, प्रशान्त भूषण, अरविंद केजरीवाल, सुनीता नारायण आदि प्रमुख हस्तियां भाग ले रही हैं।
यमुना जिये अभियान
Posted on 20 Jul, 2009 01:16 PM

भारत की अनेक पवित्र नदियों में से एक नदी यमुना है जो उत्तराखंड के यमनोत्री के बंदरपूछ ग्लेशियर से निकलकर देहरादून कुरुक्षेत्र पानीपत होते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र नई दिल्ली पहुंचती है. फिर मथुरा, आगरा होते हुए अंततः उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में गंगा नदी से मिलकर संगम बनाती हुई प्रसिद्धि पाती है. यह उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली आदि राज्यों को पवित्र करती है.
अपना घाट पाटकर पानी की तलाश
Posted on 15 Jul, 2009 12:54 AM

हमारे बड़े शहरों की बसावट और उसके नागरिकों का चरित्र भी बड़ा अजीब है. जो जितना बड़ा महानगर वहां उतने ही गैर जिम्मेदार नागरिकों का जमावड़ा. दिल्ली को ही लीजिए. दिल्ली की कुल आबादी 1.75 करोड़ के आसपास है. इसे रोजाना 90 करोड़ गैलन पानी की जरूरत है. लेकिन यहां के नागरिक मानते हैं कि उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी यही है कि वे महानगर में रहते हैं. बाकी का सारा काम सरकार करे.
बजट में नरेगा
Posted on 06 Jul, 2009 08:04 PM
सरकार ने सोमवार को पेश 2009-10 के वाषिर्क बजट में अपनी महत्वाकांक्षी योजना राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रमों के लिए 39,100 करोड़ रुपये का आवंटन करने का प्रस्ताव किया, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 144 फीसदी अधिक है।

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि फरवरी 2006 में पहली बार कार्यान्वित राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) सफल रहा है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान करीब 4. 47 करोड़ परिवारों को रोजगार के अवसर प्रदान किए गए, जबकि 2007-08 में 3.39 करोड़ परिवार इससे लाभान्वित हुए थे।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार नरेगा के तहत हकदारी के तौर पर प्रतिदिन 100 रुपये की वास्तविक मजदूरी देने के लिए वचनबद्ध हैं।

नरेगा के तहत आने वाले परिसंपत्तियों की उत्पादकता और संसाधन बढ़ाने के लिए कृषि वानिकी, जल, संसाधन, भू-संसाधन और ग्रामीण सड़कों से संबंधित अन्य योजनानाओं को केंद्र में लाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

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