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फ्लोरोसिस के लक्षण और उपाय
Posted on 02 Feb, 2014 06:59 PM फ्लोराइड नॉलेज एंड एक्शन नेटवर्कफ्लोराइड की अधिक मात्रा वाला पानी पीने से या अधिक फ्लोराइड वाले जल से सिंचित खाद्यान्न खाने से फ्लोरोसिस होता है. भारत में पेयजल में इसकी सुरक्षित मात्रा है 1एमजी/प्रति लीटर. फ्लोरोसिस की प्रमुख किस्में हैं- डेंटल फ्लोरोसिस और स्केलेटल फ्लोरोसिस.

फ्लोरोसिस के लक्षण


दांतों में अत्यधिक पीलापन.
सड़क पर अपना हक
Posted on 11 Jan, 2014 03:01 PM सन् 1995 के आसपास हमारी संस्था सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायर्नमेंट ने वायु प्रदूषण के खिलाफ अपना आंदोलन शुरू किया था। तब हमने जो कुछ भी किया वह लीक का काम था। इस आंदोलन ने ईंधन की गुणवत्ता को ठीक करने पर दबाव डाला। गाड़ियों से निकलने वाले बेहद जहरीले धुएँ को नियंत्रित करने के लिए नए कड़े नियम बनवाए। उनकी जांच-परख का नया ढांचा खड़ा करवाया और उस अभियान ने ईंधन का प्रकार तक बदलने का काम किया। यह लेख मैं अपने बिस्तरे से लिख रही हूं- एक सड़क दुर्घटना में बुरी तरह से घायल होने के बाद, हड्डियां टूटने के बाद मुझे ठीक होने तक इसी बिस्तर पर रहना है। मैं साइकिल चला रही थी। तेजी से आई एक मोटर गाड़ी ने मुझे अपनी चपेट में ले लिया था। टक्कर मारकर कार भाग गई। खून से लथपथ मैं सड़क पर थी।

ऐसी दुर्घटनाएँ बार-बार होती हैं हमारे यहां। हर शहर में होती हैं, हर सड़क पर होती हैं। यातायात की योजनाएं बनाते समय हमारा ध्यान पैदल चलने वालों और साइकिल चलाने वालों की सुरक्षा पर जाता ही नहीं। सड़क पर उनकी गिनती ही नहीं होती। ये लोग बिना कुछ किए, एकदम साधारण-सी बात में, बस सड़क पार करते हुए अपनी जान गँवा बैठते हैं। मैं इनसे ज्यादा भाग्यशाली थी। दुर्घटना के बाद दो गाड़ियाँ रुकीं, अनजान लोगों ने मुझे अस्पताल पहुंचाया। मेरा इलाज हो रहा है। मैं ठीक होकर फिर वापस इसी लड़ाई में लौटूंगी।
निमंत्रण: अनुपम जी का व्याख्यान
Posted on 20 Nov, 2013 02:26 PM
प्रसार भारती द्वारा आयोजित

राजेन्द्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान: २०१३

वक्ता: श्री अनुपम मिश्र

२२ नवम्बर, २०१३ शुक्रवार, सायं: ६.०० बजे
स्थान- त्रिवेणी कला संगम सभागार,
२०५, तानसेन मार्ग, नई दिल्ली

पहिया पानी
Posted on 27 Oct, 2013 04:26 PM

भारत के कई ग्रामीण इलाकों में पानी काफी दूर-दूर से लाना पड़ता है। घड़े, मटके और नए आए प्लास्टिक के घड़े भी महिलाओं को सिर पर उठाकर ही चलना पड़ता है। कई जगहों पर तो महिलाओं को 5-10 किलोमीटर दूर से भी जरूरत का पानी लाना पड़ता है। इस काम में उन्हें रोजमर्रा के कई-कई घंटे लगाने पड़ते हैं। घर की औरतों के अलावा बच्चियों को भी इस काम में लगाया जाता है। बच्चियों की शिक्षा-दिक्षा और स्वास्थ्य काफी प्

water wheel
एक तिहाई मछलियों के पेट में प्लास्टिक
Posted on 07 Jul, 2013 03:10 PM पानी में रहने वाले जीवों के लिए हम कैसी दुनिया बना रहे हैं। अपना कचरा उनको भोजन के रूप में परोश रहे हैं। हमारे फेंके गए प्लास्टिक मछलियों का भोजन बन रहा है। बिस्फेनोल-ए, पीसीबी जैसे केमिकल और सिंथेटिक रंगों से बनी प्लास्टिक का सेवन करके मछली ज़हरीली हो जाती है। ऐसी मछली के सेवन से कैंसर या शरीर के मुख्य अंगों का रास्ता बाधित हो जाने खतरा रहता है। देश की जानी-मानी राजनीतिज्ञ और पर्यावरणविद् मेनका गाँधी बता रही हैं कि मछलियों के शरीर में गया प्लास्टिक अंत में मानव शरीर का ही हिस्सा बनता जाता है।मछली खाने पर आपको क्या मिलता है? केमिकल! इंसानी मल! प्लास्टिक! सबसे पहले बात करते हैं प्लास्टिक की। ब्रिटेन के प्लाइमाउथ विश्वविद्यालय के मरीन पॉल्यूशन बोर्ड ने हाल ही में एक अध्ययन में पाया कि इंग्लैंड के तट पर पाई जाने वाली एक तिहाई मछलियों के पेट में प्लास्टिक है। उत्तर सागर, अटलांटिक महासागर और ब्रिटेन के आसपास के पानी में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक मछलियों के पेट में जा रहा है।

नारीत्व की प्रतिष्ठा: माहवारी स्वच्छता प्रबंधन
Posted on 12 Apr, 2013 04:33 PM माहवारी स्वच्छता का निम्न स्तर मतलब कई अधिकारों को एक साथ नकारना; ग
MHM
अब स्वजल में डूबेंगे गांव
Posted on 30 Mar, 2013 03:23 PM

जो सरकार विश्व बैंक से कर्ज लेकर गांव को स्वावलंबी बनाना चाहती हैं उसमें इतना साहस भी नहीं कि अपने दस्तावेज़ों म

धरती चुकाती है बोतलबंद पानी की कीमत
Posted on 26 Jan, 2013 10:27 AM

पानी के क्षेत्र में और आर्थिक रूप से संपन्न इलाकों में बोतलबंद पानी की शुरूआत विलासिता के रूप में हुई थी जो कि स

यमुना का संकट, जल का संकट
Posted on 26 Jan, 2013 10:07 AM

यमुना सात राज्यों से होकर बहती है। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में इसका हिस्सा 21 फीसदी है, इसके अलावा हिमाचल प्रद

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