मेनका गांधी

मेनका गांधी
एक तिहाई मछलियों के पेट में प्लास्टिक
Posted on 07 Jul, 2013 03:10 PM
पानी में रहने वाले जीवों के लिए हम कैसी दुनिया बना रहे हैं। अपना कचरा उनको भोजन के रूप में परोश रहे हैं। हमारे फेंके गए प्लास्टिक मछलियों का भोजन बन रहा है। बिस्फेनोल-ए, पीसीबी जैसे केमिकल और सिंथेटिक रंगों से बनी प्लास्टिक का सेवन करके मछली ज़हरीली हो जाती है। ऐसी मछली के सेवन से कैंसर या शरीर के मुख्य अंगों का रास्ता बाधित हो जाने खतरा रहता है। देश की जानी-मानी राजनीतिज्ञ और पर्यावरणविद् मेनका गाँधी बता रही हैं कि मछलियों के शरीर में गया प्लास्टिक अंत में मानव शरीर का ही हिस्सा बनता जाता है।मछली खाने पर आपको क्या मिलता है? केमिकल! इंसानी मल! प्लास्टिक! सबसे पहले बात करते हैं प्लास्टिक की। ब्रिटेन के प्लाइमाउथ विश्वविद्यालय के मरीन पॉल्यूशन बोर्ड ने हाल ही में एक अध्ययन में पाया कि इंग्लैंड के तट पर पाई जाने वाली एक तिहाई मछलियों के पेट में प्लास्टिक है। उत्तर सागर, अटलांटिक महासागर और ब्रिटेन के आसपास के पानी में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक मछलियों के पेट में जा रहा है।

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