दिल्ली

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आनन्द का हिमालय या कूड़ालय
Posted on 25 Jul, 2014 01:40 PM बच्चों को लेकर हमारा समाज और हमारा राज्य किस कदर उदासीन हो गया है
पानी-पानी
Posted on 25 Jul, 2014 01:37 PM पानी पानी
बच्चा बच्चा
हिन्दुस्तानी
मांग रहा है
पानी पानी

जिसको पानी नहीं मिला है
वह धरती आजाद नहीं
उस पर हिन्दुस्तानी बसते हैं
पर वह आबाद नहीं

पानी पानी बच्चा बच्चा
मांग रहा है
हिन्दुस्तानी

जो पानी के मालिक हैं
भारत पर उनका कब्जा है
जहां न दें पानी वहां सूखा
जहां दें वहां सब्जा है
पानी पर युद्ध के खतरे का आकलन
Posted on 25 Jul, 2014 01:02 PM संयुक्त राष्ट्र के महासचिव रहे बुतरस घाली ने तो लगभग तीन दशक पहले
गरमाती धरती पर ठंडा मीडिया
Posted on 23 Jul, 2014 04:46 PM वैसे तो ग्लोबल वार्मिग से प्रकृति तथा पर्यावरण को होने वाले नुकसान और परिणामों को लेकर पूरा विश्व चिन्तित है, मगर ये चिंता इस हद तक नहीं पहुंच पाई है कि लोग इसकी गम्भीरता को समझकर समाधान के लिय युद्ध स्तर पर प्रयासरत हो जाएं। इस संकट से निपटने में हमारी भूमिका और कार्ययोजना को लेकर एक बड़ी दुविधा भी हर स्तर पर मौजूद है। अमेरिका जैसे बड़े देश तीसरी दुनिया पर दोषारोपण करके अपनी जिम्मेदारियों से मुकर
जलवायु परिवर्तन : अभी भी वक्त है
Posted on 23 Jul, 2014 03:45 PM पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन की धमक एक लंबे समय से सुनाई पड़ती रही है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण भारत को युद्ध जैसी विभीषिका का सामना भी करना पड़ सकता है, ऐसी एक गम्भीर चेतावनी पहली बार हमारे सामने आयी है और वह भी किसी साधारण अथवा सनसनी फैलानेवाले स्रोत से नहीं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन से जुड़े अन्तरराष्ट्रीय पैनल की रिपोर्ट के माध्यम से। यह हमारे लिए सिर्फ चिंता की ही बात न होकर
गरम हो रही है धरती
Posted on 23 Jul, 2014 02:20 PM धरती की जलवायु और वैश्विक तापन पर निगाह रखनेवाली अन्तरराष्ट्रीय संस्था आई.पी.सी.सी.
जल नहीं जीवन निधियां हैं ये (भाग 2)
Posted on 23 Jul, 2014 12:33 PM वैश्वीकरण के बाद से खेती कम लाभ का काम हो गया और लोगों का पेट पालने के लिए शहरों की ओर पलायन बढ़ गया। गांव कस्बे में, कस्बे शहर में और शहर महानगर की ओर बढ़े तो आवास, बाजार, और बढ़ती भीड़ की मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, स्कूल, अस्पताल आदि बनाने के लिए जैसे ही जमीन का टोटा पड़ा तो लोगों ने सदियों पुराने तालाबों पर अपनी गिद्ध-दृष्टि टिका दी।
water body
तपती धरती की भावी कथा
Posted on 23 Jul, 2014 11:37 AM संयुक्त राष्ट्र द्वारा जलवायु परिवर्तन पर गठित अंतर-सरकारी समिति (आई.पी.सी.सी.) ने हाल ही में योकोहामा, जापान में जारी की गयी अपनी रिपोर्ट में ग्लोबल वार्मिग यानी वैश्विक तपन के भयानक खतरों से एक बार फिर आगाह किया है। इस समिति का कहना है कि अब सोचने का समय शेष नहीं रहा, इन खतरों से निबटने का समय आ गया है। कहीं ऐसा न हो कि देर हो जाये और समय हाथ से निकल जाये।
पानी के साथ नहीं की जाएगी राजनीति : उमा
Posted on 22 Jul, 2014 10:11 AM नई दिल्ली (भाषा)। देश की नदियों को जोड़ने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना पर तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों की आपत्तियों के बीच जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने आज कहा कि किसी भी राज्य की सहमति के बिना संबंधित राज्य में इसे लागू नहीं किया जाएगा और न ही पानी के साथ राजनीति की जाएगी।
बारिश की फुहार में रोगों की भरमार
Posted on 22 Jul, 2014 09:30 AM परिवर्तन प्रकृति का नियम है किंतु मानव शरीर को इसके साथ तालमेल बिठाने में थोड़ा वक्त लगता है। वह किसी भी परिवर्तन का पहले विरोध करता है फिर इसके साथ सामंजस्य स्थपित कर लेता है। दो परिवर्तनों के बीच का समय ही संक्रमण काल कहलाता है।
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