Posted on 23 Jul, 2014 04:46 PMवैसे तो ग्लोबल वार्मिग से प्रकृति तथा पर्यावरण को होने वाले नुकसान और परिणामों को लेकर पूरा विश्व चिन्तित है, मगर ये चिंता इस हद तक नहीं पहुंच पाई है कि लोग इसकी गम्भीरता को समझकर समाधान के लिय युद्ध स्तर पर प्रयासरत हो जाएं। इस संकट से निपटने में हमारी भूमिका और कार्ययोजना को लेकर एक बड़ी दुविधा भी हर स्तर पर मौजूद है। अमेरिका जैसे बड़े देश तीसरी दुनिया पर दोषारोपण करके अपनी जिम्मेदारियों से मुकर
Posted on 23 Jul, 2014 03:45 PMपृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन की धमक एक लंबे समय से सुनाई पड़ती रही है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण भारत को युद्ध जैसी विभीषिका का सामना भी करना पड़ सकता है, ऐसी एक गम्भीर चेतावनी पहली बार हमारे सामने आयी है और वह भी किसी साधारण अथवा सनसनी फैलानेवाले स्रोत से नहीं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन से जुड़े अन्तरराष्ट्रीय पैनल की रिपोर्ट के माध्यम से। यह हमारे लिए सिर्फ चिंता की ही बात न होकर
Posted on 23 Jul, 2014 12:33 PMवैश्वीकरण के बाद से खेती कम लाभ का काम हो गया और लोगों का पेट पालने के लिए शहरों की ओर पलायन बढ़ गया। गांव कस्बे में, कस्बे शहर में और शहर महानगर की ओर बढ़े तो आवास, बाजार, और बढ़ती भीड़ की मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, स्कूल, अस्पताल आदि बनाने के लिए जैसे ही जमीन का टोटा पड़ा तो लोगों ने सदियों पुराने तालाबों पर अपनी गिद्ध-दृष्टि टिका दी।
Posted on 23 Jul, 2014 11:37 AMसंयुक्त राष्ट्र द्वारा जलवायु परिवर्तन पर गठित अंतर-सरकारी समिति (आई.पी.सी.सी.) ने हाल ही में योकोहामा, जापान में जारी की गयी अपनी रिपोर्ट में ग्लोबल वार्मिग यानी वैश्विक तपन के भयानक खतरों से एक बार फिर आगाह किया है। इस समिति का कहना है कि अब सोचने का समय शेष नहीं रहा, इन खतरों से निबटने का समय आ गया है। कहीं ऐसा न हो कि देर हो जाये और समय हाथ से निकल जाये।
Posted on 22 Jul, 2014 10:11 AMनई दिल्ली (भाषा)। देश की नदियों को जोड़ने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना पर तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों की आपत्तियों के बीच जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने आज कहा कि किसी भी राज्य की सहमति के बिना संबंधित राज्य में इसे लागू नहीं किया जाएगा और न ही पानी के साथ राजनीति की जाएगी।
Posted on 22 Jul, 2014 09:30 AMपरिवर्तन प्रकृति का नियम है किंतु मानव शरीर को इसके साथ तालमेल बिठाने में थोड़ा वक्त लगता है। वह किसी भी परिवर्तन का पहले विरोध करता है फिर इसके साथ सामंजस्य स्थपित कर लेता है। दो परिवर्तनों के बीच का समय ही संक्रमण काल कहलाता है।