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नदियां (पोस्टर)
Posted on 15 Sep, 2011 11:55 AM भारत कई अपवाह क्षेत्रों (River Basins) में बंटा हुआ है। गंगा, ब्रह्मपुत्र, लूनी, नर्मदा, महानदी, ताप्ती, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, सतलुज, सिंधु महत्वपूर्ण नदी घाटियां हैं। नदियों में कुल मीठे जल का 1 प्रतिशत भाग पाया जाता है, जो विभिन्न जीव-जन्तुओं और पौधों को आश्रय प्रदान करता है। कई देशों में नदियों को पवित्र मान कर पूजा जाता है। नदियां बाढ़ की समस्याएं कम करती हैं। और सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति स
आर्द्र भू-क्षेत्र (पोस्टर)
Posted on 15 Sep, 2011 10:40 AM आर्द्रता संपन्न गीली, दलदली शैवालयुक्त और एक संपन्न जैवविविधता के साथ ही झील, मैंग्रोव, प्रवाल एवं ठहरे हुए पानी वाले निकाय क्षेत्र को आर्द्र भू-क्षेत्र (Wetlands) कहते हैं। आर्द्र भू-क्षेत्र जलीय तथा शुष्क स्थलीय पारिस्थितिकीय तंत्र के बीच के क्षेत्र हैं। आर्द्र भू-क्षेत्र प्रकृति में पानी को सोखने और छानने के विशाल स्पंज हैं। ये पोषक पदार्थों की मात्रा कम करके तलछटों को हटा कर जल को शुद्ध करते ह
हम और हमारा स्वास्थ्य (कक्षा -3)
Posted on 14 Sep, 2011 01:39 PM

शिक्षक बच्चों को खुले में शौच न जाने के बारे में समझा सकते हैं और सभी मिल कर मानव मल को समुचित निपटान का व्यवस्था कर सकते हैं। प्रतिदिन मंजन करना चाहिए, अच्छे से नहाएं, स्वच्छता अपनाएं तो कभी भी रोग उनके पास नहीं आएगा। खाने के लिए फल-सब्जी धोकर खाएं भोजन हमेशा ढंक कर रखें और खाने को अच्छी तरह से चबाकर खाना चाहिए। साफ-सफाई का हमेशा ध्यान देना चाहिए इन सभी बातों को शिक्षक बच्चों को समझाएं यही स्व

स्वच्छता अपनाकर खुशहाल रहें
हम और हमारा स्वास्थ्य (कक्षा -2)
Posted on 14 Sep, 2011 12:53 PM

कक्षा 2 के छात्रों के लिए शिक्षक उनको अपने स्वच्छता और स्वास्थ्य के बारे में बताएं। मानव मल का समुचित निपटान हो इसका ध्यान रखें। घर, स्कूल, आस-पास को साफ–सुथरा रखना। जहां-तहां कूड़ा कचरा नहीं फेंकना। कूड़े को कूड़ेदान में डालना। पीने के बर्तन को ढँक कर रखना। सदैव स्वच्छ पानी पीना। ढका हुआ भोजन करना। गंदगी से होने वाली बीमारियों को जानना आदि सब चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है तभी हम स्वच्छ और स्

स्वच्छता अपनाये, खुशहाल रहे
हम और हमारा स्वास्थ्य
Posted on 14 Sep, 2011 12:08 PM

स्वास्थ्य एवं स्वच्छता-संबंधी पूरक पाठ्य सामग्री के रूप में “हम और हमारा स्वास्थ्य” पुस्तिका तैयार की गई है। इस पुस्तक में दिए गए पाठों का कक्षा में केवल पढ़ाया जाना ही पर्याप्त नहीं है, अपितु बच्चों में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता-संबंधी अच्छी आदतों का विकास किया जाना भी आवश्यक है। पुस्तक में दिए गए बिन्दुओं को विस्तार से समझाने हेतु बच्चों से चर्चा करें। आवश्यक हो तो पाठ में दिए गए उदाहरणों के अति

स्वच्छता- जीवन की राह
पानी और हमारा जीवन (पोस्टर)
Posted on 13 Sep, 2011 03:20 PM विज्ञान प्रसार द्वारा ‘पानी और हमारा जीवन’ सिरीज में 20 पोस्टरों का एक सेट जारी किया गया है। पानी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए, पानी के बढ़ते संकट को लोगों को ध्यान में लाने के लिए यह पोस्टर सिरीज जारी की गई है। इसमें जल स्रोतों के बारे में जानकारी जलचक्र के बारे में जानकारी विभिन्न कामों में पानी का उपयोग जैसे विषयों पर पोस्टर हैं। इसके साथ ही जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाने पानी शुद्धि के
पोस्टर
पर्यावरण और कीटनाशक (पोस्टर)
Posted on 13 Sep, 2011 03:11 PM कीटनाशकों का प्रयोग भारतीय कृषि में एक आवश्यक अंग बन चुका है। पर इसका उपयोग हमें सावधानीपूर्वक और समझदारी से करना चाहिए। हर हालत में यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होता है। कीटनाशकों का प्रयोग न केवल हमारे स्वास्थ्य बल्कि पर्यावरण पर भी घातक नुकसान पहुँचाता है।
पोस्टर
प्रकृति संरक्षण का पर्व
Posted on 12 Sep, 2011 03:17 PM

हर वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नव संवत्सर के साथ ही देश में वासन्तिक नवरात्र का पूजा महोत्सव भी धूमधाम से प्रारम्भ हो जाता है। शक्ति पूजन की यह परम्परा नवरात्र के अवसर पर इतना व्यापक रूप धारण कर लेती है कि उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी और पश्चिम में राजस्थान से लेकर पूर्व में गुवाहाटी तक जितने भी ग्राम, नगर और प्रान्त हैं, सब अपनी-अपनी आस्थाओं और पूजा शैलियों के अनुसार लाखों-

वासन्तिक नवरात्र का पूजा महोत्सव
पानी चाहिए तो बचाना होगा हिमालय
Posted on 12 Sep, 2011 02:54 PM

लगातार घट रहा है भूजल का स्तर और नदियों का पानी

 

कृत्रिम बांध की बजाय पूरे हिमालय को प्राकृतिक बांध बनाया जाएः बहुगुणा
Posted on 12 Sep, 2011 02:37 PM

नई दिल्ली, (भाषा)। जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापमान वृद्धि को पेजयल संकट का प्रमुख कारण बताते हुए प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुन्दर लाल बहुगुणा ने कहा कि हिमालय पर कृत्रिम बांध बनाने की बजाए पूरे क्षेत्र का प्राकृतिक बांध के रूप में विकास किया जाए।

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