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बिना साफ किए यमुना में डाला जा रहा गंदा पानी
Posted on 25 May, 2014 09:43 AM

केवल 30 फीसदी गंदा पानी हो रहा शोधित, नालों से जहरीली हो रही है यमुना

कुछ बुनियादी बातें
Posted on 23 May, 2014 01:40 PM

संविधान के बाद, पानी पर दूसरा बंधनकारी दस्तावेज 1987 में देश की जलनीति के रूप में सामने आ

KG Vyas
आंकड़ों के आईने में पानी
Posted on 23 May, 2014 12:32 PM
भारत के अनेक इलाकों का जल संकट, यदि एक ओर समाज की तकलीफों का
water
कार्यक्रम निर्धारण हेतु जल-जन जोड़ो अभियान की बैठक
Posted on 22 May, 2014 08:45 AM

जल-जन जोड़ो अभियान द्वारा आगामी कार्यक्रमों की रणनीति निर्धारण हेतु बैठक


तिथि : 13-14 जून 2014
स्थान : गांधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली
समय : प्रातः 10 से सायं 5 बजे तक


16वीं लोकसभा चुनाव संपन्न हुए। नए सरकार की गठन प्रक्रिया प्रारंभ है। आप सब अवगत हैं कि जल-जन जोड़ो अभियान भारत में प्राकृतिक संसाधनों के संवर्द्धन एवं गरिमा के साथ भारत के प्रत्येक नागरिक को आवश्यकतानुसार शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की पक्षधरिता करता है। इसके लिए अभियान ने पिछले 1 वर्ष में आप सब के सहयोग से महत्वपूर्ण कार्य किए।

लेाकसभा चुनाव में अभियान ने देश भर में राजनैतिक दलों एवं मीडिया के साथ संवाद करके पानी के मुद्दे को राजनैतिक दलों के घोषणा-पत्र में शामिल कराने के लिए निरंतर कार्यक्रमों का आयोजन आप सबके सहयोग से किया है। राजनैतिक दलों द्वारा पानी के मुद्दों को अपने-अपने घोषणा पत्र में अलग-अलग तरह से सम्मिलित किया है। जल-जन जोड़ो अभियान पानी के सामुदायीकरण की वकालत करता है। पानी पर समुदाय का प्रथम अधिकार सुनिश्चित हो, इसके लिए भारत में पेयजल सुरक्षा कानून के निर्माण के लिए नई सरकार से उम्मीद करता है।
जल, जंगल और जमीन पर स्थानीय लोगों का अधिकार होना चाहिए : भवानी शंकर थपलियाल
Posted on 19 May, 2014 03:14 PM भवानी शंकर थपलियाल का भुवन पाठक द्वारा लिया गया साक्षात्कार।

आप अपना परिचय दीजिए।
मैं, गढ़वाल के श्रीनगर में रहता हूं और पिछले 12-14 साल से सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत हूं। मैं कई प्रकाशनों तथा कई स्वयंसेवी संगठनों में साथियों के सहयोग से कार्य कर रहा हूं।
हे गंगे
Posted on 19 May, 2014 02:51 PM

गंगाबार बार मैं आता रहता
गंग तुम्हारे तट पर
बहती रहतीं रुकीं नहीं तुम
कलकल करतीं सस्वर
शिव अलकों में उमड़ घुमड़तीं
मुक्ति मार्ग की दानी

Maa Ganga
नदी संस्कृति में निहित गंगा निर्देश
Posted on 19 May, 2014 12:15 PM नदियों को मां का संवैधानिक दर्जा प्राप्त होते ही नदी जीवन समृद्धि के सारे अधिकार स्वतः प्राप्त हो जाएंगे। नदियों से लेने-देने की सीमा स्वतः परिभाषित हो जाएगी। हम कह सकेंगे कि नदी मां से किसी भी संतान को उतना और तब तक ही लेने का हक है, जितना कि एक शिशु को अपनी मां से दूध। दुनिया के किसी भी संविधान की निगाह में मां बिक्री की वस्तु नहीं हैं। अतः नदियों को बेचना संविधान का उल्लंघन होगा। नदी भूमि-जल आदि की बिक्री पर कानूनी रोक स्वतः लागू हो जाएगी। “मैं आया नहीं हूं, मुझे गंगा मां ने बुलाया है।’’ “मां गंगा जैसा निर्देश देगी, मैं वैसा करुंगा।’’ क्रमशः अपनी उम्मीदवारी नामांकन से पहले और जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बनारस में दिए उक्त दो बयानों से गंगा की शुभेच्छु संतानों को बहुत उम्मीदें बंधी होगी। नदियों हेतु एक अलग मंत्रालय बनाने की खबर से एक वर्ग की उम्मीदें और बढ़ी हैं, तो दूसरा वर्ग इसे नदी जोड़ के एजेंडे की पूर्ति की हठधर्मिता का कदम मानकर चिंतित भी है। मैं समझता हूं कि ढांचागत व्यवस्था से पहले जरूरत नीतिगत स्पष्टता की है। समग्र नदी नीति बने बगैर योजना, कार्यक्रम, कानून, ढांचे.. सभी कुछ पहले की तरह फिर कर्ज बढ़ाने और संघर्ष लाने वाले साबित होंगे।

शुभ के लिए लाभ ही भारतीयता


अतः जरूरी है कि सरकार पहले नदी पुनर्जीवन नीति, बांध निर्माण नीति और कचरा प्रबंधन नीति पारित करने संबंधी लंबित मांगों की पूर्ति की स्पष्ट पहल करे, तब ढांचागत व्यवस्था के बारे में सोचे।
Ganga river
सुनियोजित प्लान से फिर सकते हैं यमुना के दिन : पर्यावरणविद
Posted on 19 May, 2014 08:54 AM

सबसे पहले यमुना की शाखाओं को करना होगा जीवित, दिल्ली के 18 प्रमुख नालों का पानी शोधित करने का प्रावधान हो

Yamuna
पानी एक, परिदृश्य तीन
Posted on 17 May, 2014 02:49 PM

परिदृश्य-एक
उतरता पानी : बैठती धरती

polluted river
फिर भी क्यूं बेपानी हम
Posted on 17 May, 2014 02:22 PM

देश के एक बड़े समुदाय को अभी भी यह समझने की जरूरत है कि हमारी परंपरागत छोटी-छोटी स्वावलंबी जल स

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