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सफाई की शुरुआत
Posted on 05 Oct, 2014 01:42 PM सफाई राजनीतिक समस्या है क्योंकि 90 फीसद से ज्यादा बीमारियां इस देश
सेनिटेशन
स्वच्छ भारत अभियान की प्रासंगिकता
Posted on 05 Oct, 2014 12:15 PM

जिस प्रकार इतिहास में कई प्रकार के विलक्षण कार्यों को जनसमर्थन के चलते प्राप्त किया गया, उसी प्रकार स्वच्छ भारत अभियान में जनमानस के जुड़ने से सफलता की गारंटी संभव है।

.इतिहास के पन्नों में स्वच्छता को लेकर कितनी गहराई है, इसको गांधी युग में देखा जा सकता है। शायद ही कभी ऐसा हुआ हो कि शासकों ने स्वच्छता की इतनी गंभीर चिंता की हो।

Sanitation
देशभर में मौतघर बनते सीवर
Posted on 05 Oct, 2014 12:15 PM देश में हर साल हजार से ज्यादा लोग जाम सीवर की मरम्मत करने के दौरान दम घुटने से मारे जाते हैं । हर मौत का कारण सीवर की जहरीली गैस बताया जाता है। पुलिस ठेकेदार के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेती है। शायद यह पुलिस को भी नहीं मालूम है कि सीवर सफाई का ठेका देना हाईकोर्ट के आदेश के विपरीत है। समाज के जिम्मेदार लोगों ने कभी महसूस ही नहीं किया कि नरक-कुंड की सफाई के लिए बगैर तकनीकी ज्ञान व उपकरणों के निरीह मजदूरों को सीवर में उतारना अमानवीय है।

जब गरमी अपना रंग दिखाती है, तो गहरे सीवरों में पानी कुछ कम हो जाता है। सरकारी फाइलें भी बारिश की तैयारी के नाम पर सीवरों की सफाई की चिंता में तेजी से दौड़ने लगती हैं। लेकिन इस बात को भूला आदेश दिया जाता है कि 40-45 तापमान में सीवर की गहराई निरीह मजदूरों के लिए मौतघर बन जाती है।
<i>सीवर साफ करते सफाईकर्मी</i>
सबको सन्मति दे भगवान
Posted on 05 Oct, 2014 11:07 AM संयुक्त राष्ट्र संघ में दिए गए एक भाषण के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से एक शख्स ने देश भर में कम्प्यूटर और संचार क्रांति की मुनादी पीटते हुए पीठ थपथपाने के सपनों के बीच यह पूछा कि क्या उन्हें पता है कि उनके देश के ग्रामीण इलाकों के कितने फीसदी घरों में शौचालय है।
एक समुंदर मेरे अंदर
Posted on 04 Oct, 2014 12:53 PM एक समुंदर
मेरे अंदर
उमड़-घुमड़कर
ज्वार उठाता है
वह रोता है-
लोग समझते गाना गाता है

कितनी नदियों की
व्यथा-कथा को जिए समुंदर
कितनी सदियों के
खारे जल को पिए समुंदर
नीलेपन की ऊब भरी
खुद की विशालता
बोझ बन गई-
अब आसमान का नन्हा तारा
उसे लुभाता है

किसी नाव को
लहरों की बांहों में लेकर
बच्चे-सा
हुगली
Posted on 04 Oct, 2014 12:43 PM नदियों के बारे में लिखना बंद करो
शहरों को डुबाती हैं नदियां अपने प्रलय से
प्रतीक्षित बरसात समुंदरों की सृष्टि करती है
हुगली तुम नदी नहीं समुद्र हो
कल्पान्तर हो बहती हुई झोपड़ियां हो
तड़पते हुए जानवर
भौंकने में असमर्थ कुत्ते
भूख-भूली बिल्लियां हो
शर्म-वंचित कुंवारी लड़कियां हो
बच्चों को नहीं खोजनेवाली मां
महासागर का मौन
Posted on 04 Oct, 2014 12:33 PM निश्छल होते हैं कुएं
और कज्जल होता है उनका जल
महासागर नहीं हुए इससे क्या
बेईमान नहीं होते हैं कुएं
जिन्हें भी प्यास लगती है
वे उनकी प्यास बुझाते हैं
जहां भी आग लगती है
हमेशा
वहां आग बुझाते हैं

कुएं कभी तटस्थ नहीं होते
काश, कि महानगर में कुएं होते
तो बंबई में
कब की बुझ गई होती आग
पानी बरसा
Posted on 04 Oct, 2014 12:25 PM ओ पिया, पानी बरसा
घास रही हुलसानी
मानिक के झूमर-सी झूमी मधु-मालती
झर पड़े जीते पीत अमलतास
चातकी की वेदना बिरानी
बादलों का हाशिया है आसपास-
बीच लिखी पांत काली बिजली की-
कूंजों की डार, कि असाढ़ की निशानी
ओ पिया, पानी
मेरा जिया हरसा

खड़खड़ कर उठे पात, फड़क उठे गात
देखने को आंखें घेरने को बांहें
अविरल गंगा: निर्मल गंगा का एक्शन प्लान
Posted on 04 Oct, 2014 10:44 AM


गंगा, आदिकाल से स्वच्छ जल का अमूल्य स्रोत और प्राकृतिक जलचक्र का अभिन्न अंग रही है। इसके अलावा, आर्य संस्कृति के विकास की कहानी भी किसी हद तक गंगा के पानी के समावेशी अवदान की कहानी है। उसके निर्मल जल ने, एक ओर यदि समाज की निस्तार, आजीविका तथा खेती की आवश्यकताओं को पूरा किया है तो दूसरी ओर गंगाजल की पवित्रता ने उसे धार्मिक अनुष्ठानों में अनिवार्य बनाया है।

वह कछार की जीवंत जैविक विविधता, हमारी सांस्कृतिक विरासत और अटूट आस्था तथा देश की लगभग 43 प्रतिशत आबादी की आवश्यकताओं की पूर्ति का विश्वसनीय आधार है। भारत सरकार द्वारा 1990 में प्रकाशित नेशनल वाटरशेड एटलस के अनुसार गंगा नदी तंत्र में 836 वाटरशेड, 126 सहायक कैचमेंट और 22 कैचमेंट हैं। ये कैचमेंट मुख्यतः हिमालय, अरावली और विन्ध्याचल पर्वतमाला में स्थित हैं तथा उनसे निकलने वाली नदियाँ अपने से बड़ी नदी से मिलकर अंततः गंगा में समा जाती हैं। हिमालयीन नदियों को बर्फ के पिघलने से गर्मी के मौसम में अतिरिक्त पानी मिलता है पर अरावली तथा विन्ध्याचल पर्वत से निकलने वाली नदियों का मुख्य स्रोत मानसूनी वर्षा है।

<i>प्रदूषित गंगा</i>
तेंदुलकर से लेकर अंबानी तक जुड़े स्वच्छता अभियान में
Posted on 04 Oct, 2014 10:20 AM मोदी के मनोनीत किए गए प्रमुख हस्तियों में फिल्म अभिनेता सलमान खान,
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