अय्यप्पा पणिक्कर

अय्यप्पा पणिक्कर
हुगली
Posted on 04 Oct, 2014 12:43 PM
नदियों के बारे में लिखना बंद करो
शहरों को डुबाती हैं नदियां अपने प्रलय से
प्रतीक्षित बरसात समुंदरों की सृष्टि करती है
हुगली तुम नदी नहीं समुद्र हो
कल्पान्तर हो बहती हुई झोपड़ियां हो
तड़पते हुए जानवर
भौंकने में असमर्थ कुत्ते
भूख-भूली बिल्लियां हो
शर्म-वंचित कुंवारी लड़कियां हो
बच्चों को नहीं खोजनेवाली मां
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