अनिल विभाकर

अनिल विभाकर
महासागर का मौन
Posted on 04 Oct, 2014 12:33 PM
निश्छल होते हैं कुएं
और कज्जल होता है उनका जल
महासागर नहीं हुए इससे क्या
बेईमान नहीं होते हैं कुएं
जिन्हें भी प्यास लगती है
वे उनकी प्यास बुझाते हैं
जहां भी आग लगती है
हमेशा
वहां आग बुझाते हैं

कुएं कभी तटस्थ नहीं होते
काश, कि महानगर में कुएं होते
तो बंबई में
कब की बुझ गई होती आग
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