देश में साफ-सफाई के लिये नई सरकार का नए सिरे से अभियान का नारा लगाए जाने को एक साल होने आ रहा है। पिछले साल दो अक्टूबर को लगाए गए इस नारे के बाद क्या-क्या हुआ इसका कोई व्यवस्थित लेखा-जोखा नहीं मिलता। लेकिन जब-जब इस अभियान के लिये ब्रांड अम्बेसडरों का एलान होता है या नए नेता झाड़ू लेकर फोटो खिंचवाते हैं तो अहसास होता है कि नारा जिन्दा है।
सोचा गया होगा कि साफ-सफाई को लेकर देश के स्तर पर प्रचार की कमी है यानी जागरुकता की कमी है सो यह प्रचार अभियान जोर-शोर से चलाने का एलान किया गया होगा। यह एक तथ्य है कि गुलामी के दो सौ साल बाद आजाद हुए देश को चौतरफा अशिक्षा, कुपोषण और गरीबी विरासत में मिली थी।
वर्ष 2015-16 के दौरान देश में जल संरक्षण एवं प्रबन्धन को सुदृढ़ बनाने के लिए सभी पणधारियों को शामिल करते हुए एक व्यापक एवं एकीकृत दृष्टिकोण से ‘जल क्रान्ति अभियान’ का आयोजन किया जाएगा ताकि यह एक जन आन्दोलन बन जाए।
Posted on 27 Sep, 2015 03:35 PM1. अनियोजित विकास ने बिगाड़ा हिमालय का सौन्दर्य 2. पर्यटन और विकास के मानक सन्तुलित पर्यावरण की कसौटी पर हो। 3. लोकज्ञान को नज़रअन्दाज़ करके नहीं किया जा सकता आपदाओं का सामना।