Posted on 02 Aug, 2016 03:37 PM धरती के ताप का बढ़ना पूरी दुनिया के लिये चिंताजनक एवं चिंतनीय विषय है। वैज्ञानिकों एवं समाजशास्त्रियों ने अपने नवीनतम अध्ययनों में पाया है कि ग्रीनहाउस गैसों के ताबड़तोड़ उत्सर्जन पर प्रभावी रोक नहीं लगा पाने के कारण ग्लोबल वार्मिंग की विश्वव्यापी समस्या और गंभीर होने लगी है और इससे नई बीमारियों तथा अन्य पर्यावरणीय संकट के फैलने का खतरा बढ़ गया है। वस्तुत: आज संपूर्ण विश्व के सामने अनन्य आर्थिक-
Posted on 02 Aug, 2016 02:12 PM नई दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा)। देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून की सक्रियता के चलते रविवार भी कहीं भारी बरसात हुई तो कहीं खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियों के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ। भारी बरसात के चलते कई मार्ग अवरुद्ध हुए। ओडीशा में बिजली गिरने से 32 लोगों की जानें गई। बिहार में बरसात से मरने वालों की संख्या 26 हो गई। बिहार और असम सहित देश के बाढ़ प्रभावित इलाकों से दस हजार से ज्यादा लोगों
Posted on 02 Aug, 2016 01:19 PM बेंगलुरु और गुड़गाँव यानी गुरुग्राम को प्रगतिशील हिंदुस्तान के आदर्श चेहरे के रूप में जाना जाता है। इसमें से एक को सिलिकॉन वैली ऑफ इंडिया कहा जाता है तो दूसरे को राजधानी नई दिल्ली का सैटेलाइट टाउन। इन दोनों शहरों के निवासी इन पर गर्व करते हैं, करना भी चाहिए, क्योंकि ये दोनों शहर प्रगति के, विकास के, अति आधुनिकता के तथा उन्नत तकनीक के प्रतीक हैं। पर पिछले हफ्ते इन दोनों शहरों की सारी सूरत प्र
Posted on 02 Aug, 2016 11:28 AM पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय गंगा के किनारे बसे सभी गाँवों को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिये युवा मामले एवं खेल मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय के साथ मिलकर उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड तथा पश्चिम बंगाल के लिये सहायता बढ़ा रहा है। गंगा नदी के किनारे 5,169 गाँव हैं, जो 5 राज्यों, 52 जिलों, 1,651 ग्राम पंचायतों के अन्तर्गत आते हैं। स्वच्छ भारत अभियान,
Posted on 02 Aug, 2016 11:17 AM किसी भी देश के लिये जल सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण संसाधनों में एक है और सिंचाई, पशु पालन तथा स्वच्छता के अन्य उद्देश्यों के लिये हमारे राज्य अधिकतर जल नदियों से ही प्राप्त करते हैं। सभी दिशाओं में बहने वाली, भारत में विभिन्न राज्यों से होकर जाने वाली ये नदियाँ या तो अन्तरराज्यीय (एक ही राज्य के भीतर बहने वाली) होती हैं या अन्तरराज्यीय (दो या अधिक राज्यों से गुजरने वाली) होती हैं, जिसके कारण कभी-क
Posted on 01 Aug, 2016 03:43 PM स्वीडन मूल के वैज्ञानिक स्वांते आरहेनियस ने मत रखा था कि जीवाश्म ईंधन के प्रज्जवलन से ग्लोबल वार्मिंग संभव है। परंतु इसका मत सन 1980 में उस समय सत्यापित हो सकता जब तीव्रता से अनियमित हो रहे मौसम ने पूरे विश्व को जकड़ लिया था। मनुष्य ने अंजाने में ही विकास और औद्योगिकीकरण के नाम पर अपने माइक्रो तथा मैक्रो इंवायरमेंट को परिवर्तित कर दिया था।
Posted on 01 Aug, 2016 02:20 PM पृथ्वी की सतह पर, भूकम्प अपने आप को, भूमि को हिलाकर या विस्थापित करके प्रकट करता है। जब एक बड़ा भूकम्प अधिकेंद्र (एपीसेंटर) अपतटीय स्थिति में होता है, यह समुद्र के किनारे पर पर्याप्त मात्रा में विस्थापन का कारण बनता है, जो सुनामी का कारण है। भूकम्प के झटके कभी-कभी भूस्खलन और ज्वालामुखी गतिविधियों को भी पैदा कर सकते हैं। भूकम्प पृथ्वी की परत (क्रस्ट) से