Posted on 22 Nov, 2015 02:05 PM पंचायत समिति, रायपुर (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 22 Nov, 2015 02:03 PM पंचायत समिति, सहाड़ा (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 22 Nov, 2015 02:01 PM पंचायत समिति, शाहपुरा (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 22 Nov, 2015 02:00 PM पंचायत समिति, सुवाणा (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 22 Nov, 2015 01:58 PM पंचायत समिति, माण्डलगढ़ (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 22 Nov, 2015 01:57 PM पंचायत समिति, माण्डल (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 21 Nov, 2015 11:51 AM पंचायत समिति, कोटड़ी (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 21 Nov, 2015 11:48 AM पंचायत समिति, हुरड़ा (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 21 Nov, 2015 11:46 AM पंचायत समिति, बनेडा (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 21 Nov, 2015 11:43 AM पंचायत समिति, आसीन्द (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।