भारत

Term Path Alias

/regions/india

नदियों पर टेढ़ी होती मौसम की नजर
Posted on 03 Nov, 2010 08:58 AM


एशिया में जल स्तर तेज़ी से असंतुलित हो रहा है। कई रिपोर्टों में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन से आने वाले वर्षों में भारत में कई नदियां सूखे मैदान में तब्दील हो सकती हैं। संकट के लक्षण दिखने लगे हैं।

पानी महँगा, जहर सस्ता
Posted on 02 Nov, 2010 12:33 PM उदारवादी अर्थव्यवस्था में पले-बढ़े आधुनिक शिक्षित युवाओं के इस सवाल का जवाब शायद सरकार के पास नहीं है कि केवल भारत देश में पानी को अमृत क्यों कहा जाता है ? अब तेल, गैस, परमाणु ऊर्जा को वरदान क्यों नहीं माना जाता।दिल्ली सरकार अब एक बूँद पानी भी मुफ्त में नहीं देगी। देश इतनी तरक्की कर गया। परमाणु बम के टॉप क्लब का सदस्य बन गया। हवाई जहाज इंद्रप्रस्थ के आकाश से नीचे उतरने के लिए इंतजार करते रहते हैं। जनता के चुनिंदा प्रतिनिधियों और मंत्रियों के पास कारें ही नहीं, अपने हवाई जहाज हैं।

बड़े नेताओं को जेबी कम्प्यूटर से देश-दुनिया की जानकारी पल-पल मिलती रहती है। जनता के लिए पेरिस-बर्लिन की तरह मेट्रो ला दी गई।
एक भोपाल है, एक है मेक्सिको की खाड़ी
Posted on 02 Nov, 2010 12:16 PM अमेरिका में किसी भारतीय कंपनी की फैक्टरी में भोपाल गैस कांड सरीखी तबाही हुई होती, तो क्या अमेरिकी सरकार उस कंपनी और उसके लोगों को ऐसे ही छोड़ देती? क्या तब कानूनी प्रक्रिया के छेद से कोई भारतीय कंपनी निरापद बाहर निकल सकती थी क्योंकि वहाँ तो किसी अमेरिकी कंपनी को भी नहीं छोड़ा जाता। इसका प्रमाण है मेक्सिको की खाड़ी में बी.पी. तेल रिसाव को लेकर अमेरिकी सरकार की पहल।
ग्लोबल वॉर्मिंग का बढ़ता असर
Posted on 02 Nov, 2010 09:51 AM

पिघलती बर्फ से तापमान में वृद्धि

जर्मन मौसम विभाग (डीडब्ल्यूडी) द्वारा इस साल का अप्रैल महीना 1820 से अब तक का सबसे गर्म अप्रैल माह दर्ज किया गया है। डीडब्ल्यूडी ने यह भी रिपोर्ट की है कि बीते साल की गर्मियाँ अपेक्षाकृत गरम रही हैं और तापमान औसतन 8.3 के बजाय 9.2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा है। तापमान में होती इस बढोतरी के चलते इस धारणा को भी बल मिला है कि ग्लोबल वॉर्मिंग अनुमान से ज्यादा औ

सूचना के अधिकार का ऑनलाइन करें अपील या शिकायत (How to file RTI Online Appeal or Complaint)
Posted on 30 Oct, 2010 10:53 AM

क्या लोक सूचना अधिकारी ने आपको जवाब नहीं दिया या दिया भी तो ग़लत और आधा-अधूरा? क्या प्रथम अपीलीय अधिकारी ने भी आपकी बात नहीं सुनी?

#N/A
कहां कितना आरटीआई शुल्क
Posted on 30 Oct, 2010 10:46 AM सूचना अधिकार क़ानून के तहत आवेदन शुल्क या अपील या फोटो कॉपी शुल्क कितना होगा, यह तय करने का अधिकार राज्य सरकार को दिया गया है। मतलब यह कि राज्य सरकार अपनी मर्जी से यह शुल्क तय कर सकती है। यही कारण है कि विभिन्न राज्यों में सूचना शुल्क/अपील शुल्क का प्रारूप अलग-अलग है। इस अंक में हम आपको आरटीआई शुल्क और सूचना के बदले लिए जाने वाले शुल्क के बारे में बता रहे है
सरकारी दस्तावेज़ देखना आपका अधिकार है
Posted on 30 Oct, 2010 10:30 AM आरटीआई क़ानून में कई प्रकार के निरीक्षण की व्यवस्था है। निरीक्षण का मतलब है कि आप किसी भी सरकारी विभाग की फाइल, किसी भी विभाग द्वारा कराए गए काम का निरीक्षण कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके क्षेत्र में कोई सड़क बनाई गई है और आप उसके निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री से संतुष्ट नहीं हैं या सड़क की गुणवत्ता से संतुष्ट नहीं हैं तो आप निरीक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस बारे में और विस्तृत जानकारी हम अगले अंक में देंगे। इस अंक में हम आपको बता रहे हैं कि सरकारी फाइल का निरीक्षण कैसे किया जा सकता है और यह क्यों ज़रूरी है।
आरटीआई के इस्तेमाल में समझदारी दिखाएं
Posted on 30 Oct, 2010 10:27 AM हमारे पास पाठकों के ऐसे कई पत्र आए हैं, जिनमें बताया गया कि आरटीआई के इस्तेमाल के बाद किस तरह उन्हें परेशान किया जा रहा है या झूठे मुक़दमे में फंसाकर उनका मानसिक और आर्थिक शोषण किया जा रहा है। यह एक गंभीर मामला है और आरटीआई क़ानून के अस्तित्व में आने के तुरंत बाद से ही इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं। आवेदकों को धमकियां दी गईं, जेल भेजा गया। यहां तक कि कई आरटीआई कार्यकर्ताओं पर कातिलाना हमले भी हुए।
×