भारत

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कटि –मेखला, विंध्य-सतपुड़ा
Posted on 19 Feb, 2011 01:26 PM विंध्य और सतपुड़ा नर्मदा के बलवान् रक्षक है। इन दोनों ने मिलकर नर्मदा को उसका जल भी दिया है और उसका रक्षण भी किया है। ये दोनों पहाड़ नर्मदा के अति निकट होने के कारण नर्मदा को न अपना पात्र बदलने का मौका मिला है, न अपने पानी के आशीर्वाद से दूर-दूर तक खेती करने की जमीन उसे मिली है।
पवनें
Posted on 25 Jan, 2011 03:46 PM हवा के बहाव को पवन कहते हैं। पवनें पृथ्वी के मौसम तंत्र का महत्वपूर्ण घटक है। हवा के भार के कारण पवन चलती है। गर्म हवा की तुलना में ठंडी हवा के अधिक भारी होने के कारण ठंडी हवा का दाब भी अधिक होता है। सूर्य की ऊष्मा से हवा गर्म होकर हल्की होने पर ऊपर की ओर उठती है तब गर्म हवा के ऊपर उठने पर उसके द्वारा रिक्त किए गए स्थान पर आसपास की ठंडी और भारी हवा आ जाती है। इससे हम कह सकते हैं कि हवा सदैव उच्च द
सूर्यः मौसम का निर्माता
Posted on 24 Jan, 2011 03:36 PM सूर्य पृथ्वी के मौसम रूपी इंजन को चलाने वाला ऊर्जा स्रोत है। सूर्य की ऊर्जा व ऊष्मा के बगैर कोयला, जीवाश्म ईंधन, पौधे, हवा और बारिश ही नहीं अपितु जीवन का भी अस्तित्व संभव नहीं है। सूर्य ही हवा के गर्म या ठंडी, तूफानी या शांत, बादलों भरी या स्वच्छ और आर्द्र या शुष्क होने का निर्धारण करता है। सूर्य की ऊष्मा के कारण ही हवाओं, बादलों, चक्रवातों और अन्य मौसम संबंधी परिघटनाओं का जन्म होता है।
हमारे जीवन में मौसम
Posted on 22 Jan, 2011 12:43 PM

मौसम की हमारे दैनिक जीवन में अहम भूमिका है। इसमें कोई दो राय नहीं कि गर्मी हो या सर्दी या फिर बारिश के दिन सभी ऋतुओं में या कहें कि हमारे रोजमर्रा के जीवन में आपसी बातचीत के सामान्य विषयों में मौसम भी शामिल होता है। हम दैनिक मौसम के प्रति बहुत चिंतित होते हैं। दैनिक मौसम बहुत गर्म, बहुत ठंडा उमसदार और तूफानी हो सकता है। निश्चित रूप से वसंत और शरद ऋतु के दौरान हमें मौसम ज्यादा आनंददायक लगता है।

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