/regions/india
भारत
उत्तराखंड में बंदरों के आतंक से प्रभावित होती कृषि
Posted on 19 Feb, 2024 02:52 PM“बंदरों की बढ़ती संख्या से हमारे खेती सबसे अधिक प्रभावित हो रही है। कहा जाए तो बिल्कुल नष्ट होने की कगार पर है। हम जो भी सब्जियां लगाते हैं बंदर आकर सब कुछ नष्ट कर देते हैं। कई बार अगर आंगन में मैं अपने बच्चों को अकेले छोड़ देती हूं तो बंदर आ कर उन्हें काट लेते हैं। हम सभी खौफ की ज़िंदगी गुजार रहे हैं। हमारी आय का एकमात्र साधन सब्जियां उगाकर बेचना होता है। लेकिन अब लगता है कि इन बंदरों की वजह स
सृष्टि की सुरक्षा के लिए अपरिहार्य प्रकृति रूपी परमात्मा की व्यवस्थाओं का संरक्षण
Posted on 15 Feb, 2024 01:15 PMकोई ऐसी शक्ति ब्रह्माण्ड में अवशय है जो समस्त व्यवस्थाओं का संचालन करती है। इसी अदृश्य शक्ति को आस्तिक मनुष्य परमात्मा या ईश्वर कहते हैं। वैज्ञानिक लोग अधिकतर इसे प्रकृति की शक्ति मानते है अर्थात प्रकृति को ही ईश्वर मानते हैं। ब्रम्हांड की भिन्न-भिन्न प्रकार की व्यवस्थाओं को चलाने के लिए विभिन्न विभाग हैं और उन विभागों को चलाने वाले उनके देवता है जो परमात्मा की कैबिनेट के सदस्य कहे जा सकते
फूड एडिटिव्स का कितना इस्तेमाल हो
Posted on 09 Feb, 2024 11:35 AMहमारे भोजन में फूड एडिटिव्स का उपयोग इतना अधिक बढ़ गया है कि ये अब हमारे आहार का अभिन्न अंग बन गए हैं। मौजूदा दौर में ऐसे पदार्थ, जो किसी खाद्य समाग्री में उसकी सुरक्षा, ताजगी, स्वाद और टेक्सचर को बढ़ाने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं, उन्हें फूड एडिटिव्स कहा जाता है। कुछ फूड एडिटिव्स को लंबे समय तक इस्तेमाल करने और सेहत पर उनका दुष्प्रभाव न हो, इसके लिए भी यह प्रक्रिया अपनाई जाती है। लेकिन फिर
स्मार्टमीटर का उपयोग करके ग्रामीण घरों में जल आपूर्ति की निगरानी
Posted on 08 Feb, 2024 12:07 PMसरपंच, श्री जसपाल सिंह के लिए वह बहुत गर्व का क्षण था जब इस वर्ष डबाली गांव, जल जीवन मिशन के अंतर्गत 'हर घर जल गांव' बन गया। घरों के जल उपयोग की निगरानी हेतु 145 घरेलू कनेक्शनों में जल मीटर लगाया गया। डबाली गांव पंजाब के एसएएस नगर जिले का एक छोटा कृषि संपृष्ट गांव हैं। पहले यहां के लोग जल की दैनिक आवश्यकता के लिए ट्यूबवेलों पर निर्भर करते थे।
कंवर्जेंस और समुदाय की सहभागिता से जल जीवन मिशन में आएगा स्थायित्व
Posted on 08 Feb, 2024 11:12 AMमध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 60 फीसदी से ज्यादा घरों में सुरक्षित एवं कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन दिया जा चुका है। एक ओर इसे सौ फीसदी तक ले जाने के लिए विभाग एवं स्वैच्छिक संस्थाएं समुदाय को साथ लेकर सघनता से काम कर रही हैं, तो दूसरी ओर क्रियाशील कनेक्शन एवं व्यवस्था में स्थायित्व लाने का प्रयास भी किया जा रहा है। जल जीवन मिशन से जुड़ी चुनौतियों एवं अनुभवों को साझा करन
जल जीवन मिशन के लिए पुनः इंजीनियरिंग | Re-engineering for Jal Jeevan Mission
Posted on 07 Feb, 2024 05:08 PM
"हर घर संचालन और रखरखाव की लागत को कवर करने के लिए प्रति माह बानवे रुपये का भुगतान करेगा"।
सूरज की किरणों को अब देखा जा सकता है: एक सफलता की कहानी -इनरिम, फाउंडेशन
Posted on 06 Feb, 2024 04:25 PMकेवल इमली के पेड़ के नीचे बैठता है, जो अब 20 साल से उसका अड्डा है। उसकी मुड़ी हुई गर्दन का प्रत्येक कोण अपने आप में एक पूरी कहानी कहता है। वह अभी भी अपने खुद के गाँव में, शिक्षक बनने की दिल में दबी अपनी चाहत के निजी सपने को पालता है, उन बच्चों को लाता है जो इस दुनिया में चमक पैदा कर सकते हैं। लेकिन, उनके जीवन के लिए फ्लोरोसिस की एक अलग योजना थी। फ्लोरोसिस से पैदा होने वाली पीड़ा के लिए केवल की
पीने योग्य पेयजल के लिए अभिनव समाधान
Posted on 06 Feb, 2024 12:00 PMभारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जो वैश्विक आबादी का लगभग 16% है। चूंकि आधी से अधिक भारतीय आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, अतः सुरक्षित पेयजल की बुनियादी आवश्यकता सहित बुनियादी आवश्यकताओं की पहुंच, उपलब्धता और सामर्थ्य की आवश्यकता को महत्व दिया जाता है।
अभिनव तकनीक का उपयोग करते हुए सौर ऊर्जा आधारित जल आपूर्ति
Posted on 05 Feb, 2024 02:56 PMआज भारत में 54% से अधिक ग्रामीण परिवारों को पारिवारिक नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी मिल रहा है, जो जल जीवन मिशन की शुरुआत के समय केवल 17% था। विभिन्न भौगोलिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में नल से जल उपलब्ध कराने के लिए, राज्य और संघ राज्य क्षेत्र कई अभिनव समाधानों का उपयोग कर रहे हैं। हाल ही में, जल और स्वच्छता प्रबंधन संगठन (वासमो), गुजरात के इंजीनियरों ने नर्मदा जिले के साडा गांव के लि
जीईएम पर जल आपूर्ति प्रणालियों की स्मार्ट माप और निगरानी के लिए मास्टर सिस्टम इंटीग्रेटर (एमएसआई)
Posted on 05 Feb, 2024 02:03 PMजल जीवन मिशन (जेजेएम) 2024 तक भारत के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित गुणवत्ता (बीआईएस 10500: 2012) के 55 एलपीसीडी (प्रति व्यक्ति प्रति दिन) वाले पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में अग्रसर है। चूंकि सभी ग्रामीण परिवारों में पाइप से जलापूर्ति कनेक्शन सुनिश्चित करने के मिशन लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में बुनियादी ढांचा निर्माण तेजी से प्रगति कर रहा है,