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गली नियंत्रण संरचनाएं/ रोक बांध/ बंधारे/ चेक डैम
Posted on 16 Sep, 2008 07:17 AM

ये संरचनाएं अपवाह वेग नियंत्रण, जल धाराओं का जल संग्रहण, मृदा अपरदन को रोकने में प्रयुक्त होती है। प्रमुखतया गली निंयत्रण की निम्नलिखित संरचनाएं प्रयोग में लाई जाती है। चेकडैम से कठोर चट्टानी क्षेत्रों में भी मौजूद रोक बांधों से भी जल का संग्रहण किया जा सकता है, लेकिन इसमें एक खतरा यह होता है कि इनका सतह फैला होने के कारण काफी जल वाष्पित हो जाता है। रोक ब

तालाबों में खोदा जाएगा रिचार्ज वेल (इंजेक्शन वेल)
Posted on 15 Sep, 2008 06:19 PM

क्या है 'रिचार्ज वेल' / 'रिचार्ज वेल' दो प्रकार के हो सकते हैं -- ( क ) इंजेक्शन कुंआ- जिसमें पानी को पुनर्भरण के लिए अंदर डाला जाता है और ( ख ) रिचार्ज कुंआ जिसमें पानी गुरुत्व के प्रवाह बहता है।इंजेक्शन कुएं ट्यूबवेल के समान है .

रिचार्ज वेल
पीने योग्य जल के भारतीय मानक
Posted on 15 Sep, 2008 10:53 AM

हम इंसान इतने कम उपलब्ध जल के स्त्रोतों का इस तरह से दोहन कर रहे हैं की जल्द ही हमारे सामने जल संकट अपने विकरालतम रूप में मौजूद होगा। हमारे उपयोग का लगभग सारा जल नदियों, झीलों या भूमिगत स्त्रोतों से आता है। हम न सिर्फ़ जल का उपयोग करते हैं, बल्कि उसे प्रदूषित भी करते हैं। इस तरह हम दोधारी तलवार से अपने जीवनदाता पर वार कर रहे हैं।

जल - प्रदूषण
जल प्रदूषण क्या है | Water Pollution Essay in Hindi
जानिए कैसे जल प्रदूषण पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और कैसे हम इसे रोक सकते हैं। Get information about water pollution in hindi. Posted on 15 Sep, 2008 09:43 AM

जल प्रदूषण जल भी पर्यावरण का अभिन्न अंग है। मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। मानव स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ जल का होना नितांत आवश्यक है। जल की अनुपस्थित में मानव कुछ दिन ही जिन्दा रह पाता है क्योंकि मानव शरीर का एक बड़ा हिस्सा जल होता है। अतः स्वच्छ जल के अभाव में किसी प्राणी के जीवन की क्या, किसी सभ्यता की कल्पना, नहीं की जा सकती है। यह सब आज मानव को मालूम होते हुए भी जल को बिना

जल प्रदूषण
आश्वस्त हुई काली बेई
Posted on 14 Sep, 2008 05:34 PM

देश में तालाबों को पुनर्जीवित करने की मुहिम शुरू हो गई है। जिसका श्रेय निर्विवाद रूप से पर्यावरणविद् अनुपम मिश्र को जाता है। देश में जगह-जगह 'आज भी खरे है तालाब' की लाखों प्रतियां विभिन्न भाषाओं में अनूदित हो कर लोगों तक पहुंची हैं। उनकी प्रेरणा से राजेन्द्र सिंह का राजस्थान में तालाब का काम चालू हुआ। फिर राजस्थान में तालाबों के संरक्षण से पहली बार कुछ किलोमीटर की 'अरवरी नदी' का पुनर्जन्म हुआ।

काली बेई
भारत में सिंचाई क्षेत्र की क्षमता में लगातार वृद्धि
Posted on 11 Sep, 2008 06:16 PM भारत सरकार के एक दस्तावेज में कहा गया है कि मौजूद प्रणालियों को सुदृढ़ करने के साथ-साथ सिंचाई सुविधाओं का विस्तार खाद्यान उत्पादन बढ़ाने की रणनीति का एक प्रमुख हिस्सा रहा है। सिंचाई सुविधा के प्रणालीबद्ध विकास के साथ बड़ी मध्यम और छोटी सिंचाई परियोजनाओं की कुल क्षमता 1951 में 22.6 मिलियन हेक्टेयर (एम.एच.ए.) से बढ़कर वर्ष 2004-05 के अंत तक लगभग 98.84 मिलियन हेक्टेयर हो गयी है। इसमें 2000 में 10,000
विनाश के मुहाने पर दुनिया
Posted on 11 Sep, 2008 05:53 PM

बान की मून/ हम सभी आज सहमत हैं कि जलवायु परिवर्तन वास्तव में हो रहा है और हम ही इसके लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं। इसके बावजूद चंद लोग ही इस खतरे की गंभीरता को समझ पा रहे हैं। मैं भी इसे गंभीरता से नहीं लेता था। आंखें खोल देने वाले `इको टूर' के बाद मैंने इस खतरे की भयावहता को समझा। यूं मैंने ग्लोबल वार्मिंग को हमेशा ही सर्वोच्च् प्राथमिकता दी है, लेकिन अब तो मैं मानता हूं कि हम विनाश

हिमालय - विश्व का उच्चतम जल
शौच को शुचिता से जोड़ने की मुहिम
Posted on 11 Sep, 2008 05:04 PM

आजाद भारत का जो सपना लोगों ने गुना-बुना था, वह पूरा न हो सका। कई आकांक्षाएं अधूरी रह गईं और कितनी पैदा होने से पहले ही खत्म हो गईं। इस बात पर बहस हो सकती है। जिसमें प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से राजनैतिक पार्टियां जिम्मेदार ठहराई जाएंगी। लेकिन भारतीय समाज तमाम राजनैतिक बुराईयों के बावजूद नियमित गति से आगे बढ़ रहा है। इसकी वजह केवल एक है, वह है यहां के समाज में होने वाला सार्थक प्रयास। इसके बल पर

पर्यावरण के अनुकूल हैं जैविक-शौचालय
Posted on 11 Sep, 2008 03:05 PM

टोक्यो/ गंदे और बदबूदार सार्वजनिक शौचालयों से निजात दिलाने के लिए जापान की एक गैर सरकारी संस्था ने ‘जैविक-शौचालय’ विकसित करने में सफलता हासिल की है। ये खास किस्म के शौचालय गंध-रहित तो हैं ही, साथ ही पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित हैं। समाचार एजेंसी ‘डीपीए’ के अनुसार संस्था द्वारा विकसित किए गए जैविक-शौचालय ऐसे सूक्ष्म कीटाणुओं को सक्रिय करते हैं जो मल इत्यादि को सड़ने में मदद करते हैं।

जैविक-शौचालय
मानव मल से बना अनोखा दरवाजा
Posted on 11 Sep, 2008 02:57 PM

वार्ता/ नई दिल्ली। मानव मल से बनाए गए कम से कम 21 दरवाजे लीजन आर्ट गैलरी में पिछले दिनों प्रदर्शनी के लिए रखे गए। गैर सरकारी संगठन सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशन के शोधकर्मियों के प्रयास से यह विशेष दरवाजे बनाए गए हैं।

सुलभ के शोधकर्ताओं ने मानव मल के शोधन से प्राप्त अपशिष्ट पदार्थ से दरवाजे और खिड़कियों के पल्ले तैयार किए हैं।

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