भारत

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सिंधु नदी
Posted on 20 Sep, 2008 08:20 AM

मैं सिंधु नदी हूँ, इतनी लम्बी-चौड़ी की लोगों को मेरे समुद्र होने का धोखा हो जाता है। बहुत पुराने काल में जब आर्य लोग इस प्रदेश में आए, तब उन्होंने ही मुझे समुद्र समझकर यह ‘सिंधु’ नाम दिया, और इसी नाम से मैं आज हज़ारों साल से पुकारी जाती रही हूँ। मानसरोवर के उत्तर में तिब्बती हिमालय से मेरा निकास है। ज़ोरकुल झील से-जहाँ से पूर्व में ब्रह्मपुत्र, उत्तर में यारकन्द (सीता) और पश्चिम में आमू नदी वक्

भारत की नदियों की कहानी
नई सोच से दूर होगा जलसंकट
Posted on 19 Sep, 2008 04:36 PM

तीन सदी पहले एडम स्मिथ ने गैर-हस्तक्षेपकारी राह के जरिए दुनिया में सबके लिए असीम समृद्धि की सोच जाहिर की थी। इसके तुरंत बाद कुछ अर्थशास्त्री इसके रंग में भंग डालते नजर आए। उनका कहना था कि प्रकृति ने कंजूसी और सजगता से नेमत बख्शी है, संसाधन सीमित हैं। सीमित संसाधानों का मतलब है, लगातार घटता हुआ प्रतिफल। दूसरी ओर आबादी की जरूरतें दिनदूनी-रात चौगुनी बढ़ती रहीं। इसका अवश्यंभावी परिणाम अभाव, अकाल, ब

बिन पानी सब सून
क्या आप जानते है?
Posted on 18 Sep, 2008 07:20 PM प्रश्न 1. पोजोलाना क्या है ?
सूचना का अधिकार अधिनियम
Posted on 18 Sep, 2008 01:47 PM

सूचना का अधिकारसूचना

सूचना का अधिकार
हवा-पानी की आजादी
Posted on 17 Sep, 2008 02:50 PM

आजादी की 62वीं वर्षगांठ, हर्षोल्लास के माहौल में भी मन पूरी तरह खुशी का आनन्द क्यों महसूस नहीं कर रहा है, एक खिन्नता है, लगता है जैसे कुछ अधूरा है। कहने को हम आजाद हो गए हैं, जरा खुद से पूछिए क्या आपका मन इस बात की गवाही देता है नहीं, क्यों?

हवा-पानी की आजादी
बिन पानी सब सून
Posted on 17 Sep, 2008 08:16 AM

दुनिया में पानी की मात्रा बहुत ही सीमित है. इस पर ज़िंदा रहने वाली मानव जाति और दूसरी प्रजातियों को इस बात की उम्मीद नही रखनी चाहिए कि उन्हें हमेशा पानी मिलता रहेगा. धरती का दो-तिहाई हिस्सा पानी से घिरा है. लेकिन इसमें से ज़्यादातर हिस्सा इतना खारा है कि उसे काम में नहीं ला सकते.

बिन पानी सब सून
किफायती मृदा एवं जल संरक्षण व्यवस्था
Posted on 16 Sep, 2008 10:30 AM जल संचयन के कार्य में जस्त चढ़े लोहे के तारों के जाल औरे पोलीथीन के बोरों का नवीन प्रयोग किया गया है। यह तरीका किफायती है और भारतीय परिस्थितियों में उपयोगी भी। प्रस्तुत है पदमपुरा पनढाल में हुए इस प्रयोग का विवरण खुद इसके प्रवर्तक की कलम से।
लघु बांध यानि चेकडैम
Posted on 16 Sep, 2008 10:04 AM

जमीन के नीचे के पानी का खजाना बढ़ानें के लिए सूखी धरती को हरा-भरा बनाने का नायाब तरीका है, चेकडैम यानी की लघुबांध

सूक्ष्म अपवाह क्षेत्र(Micro Catchment) जलागाम(Watershed)
Posted on 16 Sep, 2008 09:19 AM

सीढ़ीदार खेत (Terracing) किनारों पर बंध का निर्माण कर नमी संरक्षण1. अंत: वेदिका (Inter-terrace)/ अंत: भूखण्ड (Inter-plot) जल संचय

जल-विद्युत शक्ति
Posted on 16 Sep, 2008 09:11 AM भारत के पास विशेष रूप से उत्तरी और पूर्वोत्तर क्षेत्र में जल-विद्युत उत्पादन की विशाल क्षमता मौजूद है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के एक अनुमान के अनुसार देश में 60 प्रतिशत भार गुणांक पर 84,000 मेगावाट क्षमता का आकलन किया गया है जो कि वार्षिक ऊर्जा उत्पादन के लगभग 450 बिलियन यूनिटों के बराबर है। बेसिन-वार विभाजन नीचे प्रस्तुत हैः
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