Posted on 17 Aug, 2013 11:11 AMअभी गिरा रवि, ताम्र कलश-सा, गंगा के उस पार, क्लांत पांथ, जिह्वा विलोल जल में रक्ताभ प्रसार; भूरे जलदों से धूमिल नभ, विहग छंदों – से बिखरे – धेनु त्वचा – से सिहर रहे जल में रोओं – से छितरे!
दूर, क्षितिज में चित्रित – सी उस तरु माला के ऊपर उड़ती काली विहग पांति रेखा – सी लहरा सुंदर! उड़ी आ रही हलकी खेवा दो आरोही लेकर,
Posted on 16 Aug, 2013 02:40 PMप्रिय, जीवन-नद अपार, विशद पाट, तीव्र धार, गहर भंवर, दूर पार,- प्रिय, जीवन-नद अपार।
(1) इस तट पर ना जाने कब से रम रहे प्राण, ना जाने कितने युग बीत चुके शून्य मान, पर, अब की उस तट से आई है वेणु-तान, खींच रही प्राणों को बरबस ही बार-बार? प्रिय, जीवन-नद अपार।
Posted on 12 Aug, 2013 01:53 PM गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन विश्वभर में नियामकों के साथ मिलकर कार्य करता है। इसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोगों को बे
Posted on 06 Aug, 2013 02:50 PM देश के उत्तरी इलाकों में भी इस वर्ष उम्मीद से कम वर्षा हुई है। मौसम विभाग द्वारा प्राप्त आंकड़ों पर गौर करें तो 1 जून से लेकर 21