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जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद में पिसती दुनिया
Posted on 20 Nov, 2015 02:17 PM

जलवायु परिवर्तन के चलते मानव जीवन कई प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, बेमौसम बारिश, सूखा, समुद

सारे जहाँ से गन्दा
Posted on 20 Nov, 2015 02:10 PM महान शायर इक़बाल आज होते तो अपनी नज्म की ऐसी दुर्गति पर सिर पीट लेते। भारत के एक पीछड़े, अर्थशास्त्रियों की भाषा में कहें तो बीमारू राज्य की राजधानी के सबसे गए गुजरे मोहल्ले का एकमात्र बौद्धिक व्यक्ति बौका अपने बाथरुम में जोर-जोर से गा रहा था :

सारे जहाँ से गन्दा
है मोहल्ला हमारा
हम सब सुअर उसके
वो सूअरबाड़ा हमारा
कूड़ा है सबसे ऊँचा
पर्वत जैसा फैला
फ्लश शौचालय और जल शुद्धि
Posted on 17 Nov, 2015 03:48 PM

विश्व शौचालय दिवस, 19 नवम्बर 2015 पर विशेष

Flush Toilet
भारतीय रेल का पानी अब ‘प्रभू’ भरोसे
Posted on 17 Nov, 2015 08:38 AM

आरके एसोसिएट्स और वृंदावन फुड प्रोडक्ट के नाम सम्भव है कि आपने नहीं सुना होगा लेकिन इसके मालिक श्याम बिहारी अग्रवाल 2012 से लगभग सभी राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में कैटरिंग का काम करते रहे हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने रेल नीर के नाम पर ट्रेन में सस्ता पानी बाँट कर मोटी कमाई की।

rail neer
जलवायु परिवर्तन से निपटने में पनबिजली एक 'झूठा समाधान'
Posted on 16 Nov, 2015 12:47 PM

सन्दर्भ : कोप 21


पनबिजली परियोजनाओं के लिये बनने वाले बड़े बाँधों से निकलने वाली मीथेन समस्या ने पिछले 15 सालों के दौरान अन्तरराष्ट्रीय खबरों में हालांकि थोड़ी-बहुत जगह जरूर बनाई है। पर इसके ठीक उलट ‘कोप’ या अन्य पर्यावरण की नई चर्चाओं में मज़बूती से पनबिजली को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये हल के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है जिससे बड़े बाँधों से मीथेन उत्सर्जन और पर्यावरणीय प्रभाव की बहस को बेमानी कर दिया गया है।

इससे अब चिन्ता का मुद्दा यह निकलता है कि पनबिजली जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये वाकई एक हल है या सिर्फ भ्रम? क्या जलवायु परिवर्तन कम करने के लिये पनबिजली परियोजनाओं की तरफ बढ़ना क्या सही है?
Hydro power plant
स्वच्छ भारत मिशन : मूल्यांकन और सर्वे के बहाने केन्द्र जाँचेगी राज्यों की हकीक़त
Posted on 15 Nov, 2015 12:29 PM

विश्व शौचालय दिवस, 19 नवम्बर 2015 पर विशेष


रायपुर। स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत केन्द्र सरकार अब मूल्यांकन और सर्वे के बहाने राज्य सरकारों की हकीक़त जाँचेगी। इसके लिये देश के 75 शहरों का चयन किया गया है। इसमें छत्तीसगढ़ से दुर्ग और रायपुर के नाम शामिल है। सर्वे के आधार पर अच्छा काम करने वाले शहरों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

केन्द्र के इस सर्वे में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिये शहरों में 60 फीसदी अंक दिये जाएँगे। इस स्थिति में रायपुर और दुर्ग को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

रायपुर और दुर्ग शहर में लगभग 50 फीसदी वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा एकत्र किया जा रहा है, लेकिन कचरा निपटान के लिये अभी तक कोई भी ठोस व्यवस्था नहीं बनी है।
वन्य जीवन संरक्षण का महत्त्व
Posted on 15 Nov, 2015 12:02 PM वनस्पतियाँ प्रकृति की अनुपम देन हैं और पृथ्वी पर पारिस्थितिकी सन्त
महात्मा गाँधी का आर्थिक दर्शन और पर्यावरण संरक्षण
Posted on 15 Nov, 2015 11:56 AM गाँधीजी यद्यपि सुन्दरलाल बहुगुणा अथवा बाबा आमटे की तरह कोई पर्यावरण
पर्यावरण की पहरेदार ग्रामीण महिलाएँ
Posted on 15 Nov, 2015 11:48 AM बड़-पीपल की पूजा, घर-घर में तुलसी-चौरे, यज्ञ-हवन द्वारा वायु शुद्धि
मशरूम की फायदेमन्द खेती
Posted on 15 Nov, 2015 11:01 AM

मशरूम कवक वर्ग का एक पौधा है जिसे भ्रमवश कुछ लोग कुकुरमुत्ता समझ बैठते हैं। वास्तव में कुकुरमुत

Mushroom
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