संजय कुंदन
संजय कुंदन
सारे जहाँ से गन्दा
Posted on 20 Nov, 2015 02:10 PMमहान शायर इक़बाल आज होते तो अपनी नज्म की ऐसी दुर्गति पर सिर पीट लेते। भारत के एक पीछड़े, अर्थशास्त्रियों की भाषा में कहें तो बीमारू राज्य की राजधानी के सबसे गए गुजरे मोहल्ले का एकमात्र बौद्धिक व्यक्ति बौका अपने बाथरुम में जोर-जोर से गा रहा था :सारे जहाँ से गन्दा
है मोहल्ला हमारा
हम सब सुअर उसके
वो सूअरबाड़ा हमारा
कूड़ा है सबसे ऊँचा
पर्वत जैसा फैला