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सिलिकोसिस : धूल में मौजूद सिलिका के कारण होने वाला व्यवसायजनित रोग
Posted on 29 Jul, 2016 09:51 AM
यह रोग सिलिका मिश्रित धूल के संपर्क के कारण होता है। इसलिए व्
प्लास्टिक (Plastic)
Posted on 29 Jul, 2016 09:22 AM
आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है। जनसंख्या विस्फोट शहरीकरण, वाहनों की संख्या में वृद्धि, अत्यधिक औद्योगीकरण के कारण जंगलों की कटाई और सफाई की जा रही है। फिर भी प्राकृतिक कच्चे माल की कमी हो जा रही है। उदाहरण स्वरूप लकड़ी की मात्रा कम हो रही है और फर्नीचर की मांग बढ़ रही है। इस मांग को पूरा करने के लिये कृत्रिम पदार्थों का उत्पादन शुरू हुआ। इस कृत्रिम पदार्थ को प्लास्टिक नाम से जाना जाता है।
ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution)
Posted on 28 Jul, 2016 04:32 PM

प्रदूषण


वातावरण में उपस्थित ऐसे तत्व या कण जो उसकी शुद्धता को प्रभावित करते हैं प्रदूषक कहलाते हैं और उनकी उपस्थिति से जो वातावरण दूषित होता है उसी को प्रदूषण कहते हैं। प्रदूषण का असर जीव-जन्तुओं पर तो होता ही है साथ ही साथ वह तमाम निर्जीव वस्तुओं पर भी बुरा प्रभाव डालता है।

प्रदूषण का कारण

आबादी के लिये समुद्र बनता संकट
Posted on 28 Jul, 2016 04:10 PM
बढ़ते तापमान ने अब तीव्रता से असर दिखाना शुरू कर दिया है। जिस
जल, अर्थव्यवस्था और उद्योग
Posted on 28 Jul, 2016 01:44 PM
दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, बंगलुरु या कोई भी दूसरा बड़ा शहर हो पानी की बोतलों का कारोबार जमकर फल-फूल रहा है। कुछ दशक पहले तक बोतलबंद पानी का इस्तेमाल एक छोटा और अमीर कहलाने वाला तबका ही करता था या विदेश से आने वाले सैलानी पानी की बोतलें माँगते थे लेकिन अब शहरों में ही नहीं देहातों में भी सफर के दौरान या दुकानों पर पानी की बोतलें बहुत आराम से मिल जाती हैं
कैसे रुके बाढ़
Posted on 28 Jul, 2016 12:11 PM
जल भोजन है और अग्नि भोजन का भक्षक है!
अग्नि जल में और जल अग्नि में विद्यमान है।


.तैत्तरीय उपनिषद की इन पंक्तियों का अर्थ समझने के लिये हमें 2008 में बिहार की कोसी में आई बाढ़ और जुलाई 2005 में मुम्बई में हुई मूसलधार बारिश के बाद मची तबाही को देखना होगा।

पानी शीतलता का प्रतीक होता है, लेकिन हाल के दिनों में हुई बाढ़ की तबाही की ये घटनाएँ हमारी स्मृतियों में अब भी चुभन पैदा कर देती है। इस चुभन को इस साल भी महसूस किया जा रहा है, जब देश के अधिकांश हिस्से अब भी मानसूनी बारिश की बाट जोह रहे हैं, असम के तेजपुर जिले के कुछ हिस्से बाढ़ जून की तपती दोपहरी में डूबने के लिये मजबूर हो गए।
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