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भारत
देह के बाद अनुपम
Posted on 03 Mar, 2017 12:01 PM
जब देह थी, तब अनुपम नहीं; अब देह नहीं, पर अनुपम हैं। आप इसे मेरा निकटदृष्टि दोष कहें या दूरदृष्टि दोष; जब तक अनुपम जी की देह थी, तब तक मैं उनमें अन्य कुछ अनुपम न देख सका, सिवाय नए मुहावरे गढ़ने वाली उनकी शब्दावली, गूढ़ से गूढ़ विषय को कहानी की तरह पेश करने की उनकी महारत और चीजों को सहेजकर सुरुचिपूर्ण ढंग से रखने की उनकी कला के।
डाक के लिफाफों से निकाली बेकार गाँधी टिकटों को एक साथ चिपकाकर कलाकृति का आकार देने की उनकी कला ने उनके जीते-जी ही मुझसे आकर्षित किया। दूसरों को असहज बना दे, ऐसे अति विनम्र अनुपम व्यवहार को भी मैंने उनकी देह में ही देखा।

भूमि सुधार की समस्या
Posted on 03 Mar, 2017 11:58 AMलेखिका का कहना है कि कृषिगत सुधारों और कृषि के विकास के लिये आज भी एक व्यापक भूमि सुधार नीति की जरूरत है, लेकिन इस सम्बन्ध में बहुत कुछ किया जाना शेष है। इन दोनों उद्देश्यों को पूरा करने के लिये बिचौलियों को उन्मूलन, काश्तकारी में सुधार, कृषि योग्य अतिरिक्त भूमि का वितरण, जोतों की चकबंदी और भू-अभिलेखों को अद्यतन करने सम्बन्धी उपायों पर शीघ्र ध्यान देने की जरूरत है।
कृषि क्षेत्र में बदलाव
Posted on 03 Mar, 2017 09:34 AMदेश में कृषि के विकास पर व्यापक प्रभाव डालने वाले विभिन्न तत्वों का विश्लेषण करते हुए लेख
पानी का सच
Posted on 02 Mar, 2017 10:45 AMधरती की सतह पर मौजूद पानी और समुद्रों का पानी सूर्य की तपन से वाष्प बनकर बादल बनता है। यह
क्या हम अपनी नदियों को जिंदा रहने देना चाहते हैं
Posted on 02 Mar, 2017 10:41 AMमनुष्य का शरीर पंच महाभूतों से बना है। जल उसका प्रमुख घटक है। हमारे शरीर में तीन चौथाई जल
हम नदियों से या नदियाँ हमसे
Posted on 01 Mar, 2017 03:55 PMभारत की लगभग सभी प्रमुख नदियाँ इसकी शिकार है। मौसमी छोटी नदियाँ तो कब की खत्म हो चुकी, बड
स्वच्छता की भारतीय परम्परा
Posted on 01 Mar, 2017 03:27 PMस्वच्छता की भारत में एक प्राचीन परम्परा रही है। इस परम्परा के अनुरूप ही देश में ऐसी व्यवस्थाएँ विकसित की गई थीं जो न केवल भारतीय समाज के अनुकूल थी, बल्कि पर्यावरण और पारिस्थितिकी के लिये भी लाभकारी थी।
प्रदूषण रहित ऊर्जा के नैसर्गिक स्रोत बैल एवं गोबर
Posted on 01 Mar, 2017 01:51 PM1993 में लगाये गये एक अनुमान के अनुसार भारत में एक हजार मेगावाट बिजली के उत्पादन की लागत
हमसे दूर जाता पानी
Posted on 01 Mar, 2017 01:24 PMहमसे दूर जाते पानी को रोकने के लिये हमें एक बार फिर पीछे लौटना होगा यानी पानी सँजोने की ज