बक्सर जिला

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बिहार में आर्सेनिक
Posted on 06 Apr, 2009 03:19 PM हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार गंगा के दोनों ओर स्थित बिहार के 15 जिलों के भूजल में आर्सेनिक के स्तर में खतरनाक बढ़ोतरी हुई है, जिसके कारण इस इलाके में रहने वालों के लिये कैंसर का खतरा बढ़ गया है। IANS की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा किनारे के दोनों तरफ़ के 57 विकासखण्डों के भूजल में आर्सेनिक की भारी मात्रा पाई गई है। आर्सेनिक नामक धीमे ज़हर के कारण लीवर, किडनी के कैंसर और “गैंगरीन” जैसी बीमारियों
भारत के भूजल में आर्सेनिक प्रदूषण : प्रमुख तथ्य
आर्सेनिक की उत्पत्ति आर्सेनोपाइराईट, ऑपींमेंट, रियलगर, क्लुडेटाइट, आर्सेनोलाइट, पेंटोक्साइड, स्कॉरोडाइट आर आर्सेनोपालेडाइटे जैसे खनिजों से हो सकती है। हालांकि, आर्सेनोपाइराइट को ज्यादातर शोधकर्ताओं द्वारा उल्लेखित किया गया है एवं यह भूजल में आर्सेनिक की अशुद्धि उत्पन्न करने वाला एक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध खनिज है। रेडॉक्स नियंत्रित वातावरण के तहत, यह आर्सेनिक तलछट (सेडीमेंट) से भूजल में निर्मुक्त हो जाता है। हिमालयी नदियों के डेल्टाई क्षेत्रों में पीने के पानी के स्रोतों में आर्सेनिक संदूषण देखने में आता है। इसकी वजह यह है कि हिमालय की चट्टानों से बहते पानी में आर्सेनिक घुलता जाता है। Posted on 15 Jun, 2024 03:38 PM

एक लंबी अवधि में अकार्बनिक आर्सेनिक की उच्च सांद्रता के सेवन से आर्सेनिकोसिस नामक क्रोनिक आर्सेनिक विषाक्तता हो सकती है। आर्सेनिक युक्त जल के सेवन से लक्षणों को विकसित होने में वर्षों का समय लगता है एवं यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि एक्सपोज़र का स्तर क्या है?

आर्सेनिक से स्वास्थ्य समस्याएं, फोटो साभार - ढाका ट्रिव्यून
बिहार की जमनिया नदी की सतह पर भी आर्सेनिक
Posted on 16 Aug, 2009 05:55 PM

गंगा किनारे बसे राज्य के बारह जिलों भागलपुर, कटिहार, खगडिय़ा, मुंगेर, लखीसराय, बेगूसराय, समस्तीपुर, पटना, भोजपुर, बक्सर, वैशाली और सारण के लगभग 80 प्रखंडों में आर्सेनिक का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि, वैज्ञानिक अभी यह बता पाने में अक्षम हैं कि जल में जहर के रूप में आर्सेनिक कहां से और कैसे फैलता जा रहा है, पर यह भी सच है कि इस खतरे से बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल तथा नेपाल के भीतर का बड़ा हिस्सा भी

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