बागपत जिला

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उत्तर प्रदेश में आर्सेनिक का कहर
Posted on 25 Nov, 2016 11:26 AM


पानी में आर्सेनिक की मात्रा बढ़ने की बात अब केवल पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों तक सीमित नहीं है। पूरे देश में आर्सेनिक का फैलाव न केवल बढ़ता जा रहा है बल्कि इसका दुष्प्रभाव भी देखने को आ रहा है। देश में बढ़ते आर्सेनिक ने जहाँ मानव स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया है वहीं पर अभी भी शासन इसके रोकथाम पर उतना संजीदा नहीं है जितना जरूरी है।

उत्तर प्रदेश के गाँवों में जहर बाँटता हैण्डपम्प
रेत लूटने के लिए बदला यमुना का रास्ता
Posted on 20 Dec, 2009 09:00 AM एक्सपर्टस् कहते हैं कि किसी भरी-पूरी नदी से थोड़ी बहुत रेत निकाली जाए तो ज्यादा समस्या की बात नहीं है
हिण्डन सेवा - सरकार और समाज का अनूठा संगम
Posted on 09 Jun, 2018 02:03 PM


कल नहीं आज और आज नहीं अब.......इसी भाव के साथ डॉ. प्रभात कुमार ने जुलाई 2017 को हिण्डन नदी को बदहाली से उबारने का साहसी निर्णय लिया था। उस निर्णय का प्रतिफल था ‘निर्मल हिण्डन कार्यक्रम’ का जन्म। लगभग एक वर्ष के अपने सफर में निर्मल हिण्डन कार्यक्रम ने हिण्डन सेवा के रूप में समाज और सरकार के समन्वय का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया।

हिंडन की सफाई
सूखी यमुना एक त्रासदी
Posted on 11 May, 2010 12:29 PM युग-युगान्तर से अविरल बहने वाली पवित्र यमुना नदी आज एकदम सूखी पड़ी है। पानीपत और दिल्ली के बीच पड़ने वाले सोनीपत और बागपत यमुना खादर में बिल्कुल एक बूंद का भी प्रवाह नहीं है। वास्तविकता यह है कि सरकारें पूरी तरह से यमुना के पर्यावरणीय प्रवाह की अनदेखी कर रही हैं। यमुना में पानी बिल्कुल रोक दिया गया है। बागपत और सोनीपत के पूरे यमुना खादर में पूरी गर्मियों में एक इंच का भी प्रवाह नहीं है। यमुना मे
सोनीपत और बागपत यमुना खादर में पानी नहीं
Posted on 19 Jul, 2009 09:44 AM
करोड़ों वर्षों का मिथक टूटा गया कि यमुना की धार को कोई रोक नहीं सकता। किसी भी नदी के पारिस्थतिकीय सन्तुलन को बनाये रखने के लिए पर्यावरणीय प्रवाह बनाये रखने की नितान्त आवश्यकता होती है। 14 मई 1999 के एक फैसले में उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया था कि यमुना को पारिस्थितिक प्रवाह की जरूरत है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रति सेकंड 353 cusecs का एक न्यूनतम प्रवाह नदी में होना ही चाहिए। हरियाणा, हिमाचल
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