इस अन्याय को दूर करने के लिए जरूरी हैं संविधान से लेकर, कानून और नीतियों का अध्ययन तथा पालन भी। आज 1996 का “पेसा” कानून हो या वन सुरक्षा और वन अधिकार कानून तथा 2013 का भूअर्जन और पुनर्वास कानून,हर एक में अधोरेखांखित समुदायों के संसाधनों की रक्षा और अधिकार के साथ हानिपूर्ति के प्रावधानों का उल्लंघन सामने आ रहा है।