अमृतसर जिला

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सूखे तालाबों में उड़ेला अमृत
Posted on 05 Mar, 2016 03:33 PM
अमृत सरोवर के शहर अमृतसर के जगमोहन सिंह गिल ने सूखे तालाबों में ‘अमृत’ उड़ेल उन्हें नया जीवन दिया है। उनके ‘भागीरथ’ प्रयास से अमृतसर, तरनतारन व गुरदासपुर के 30 ऐतिहासिक तालाब पुनर्जीवित हो गए हैं। बोपारायकलां में शेर-ए-पंजाब महाराजा रंजीत सिंह द्वारा बनाए गए ढाई सौ साल पुराना तालाब भी लबालब हो चुका है। जल संरक्षण की दिशा में 14 साल से जुटे जगमोहन के इस प्रयास ने उन्हें जल का ‘मोहन’ बना दिया है। उनके इस प्रयास से तालाब ही नहीं विरासत भी जिंदा हो उठी है।

पवन गुरु, पानी पिता, माता धरती। पानी को पिता बताने वाले गुरु साहिबान की इस वाणी के मूल को लोग अब समझ चुके हैं। सूख चुके 30 तालाब के पुनर्जीवित होने से हजारों लोगों को लाभ हुआ है। उनकी सोच बदली है। जल की महत्ता को समझ चुके हैं। ये तालाब अब उनके लिये पूजनीय हो गए हैं। गाँव के लोग दूसरों को भी जल संरक्षण के लिये प्रेरित करने लगे हैं।

ਅੱਜ ਵੀ ਖਰੇ ਹਨ ਤਾਲਾਬ
Posted on 02 Oct, 2011 01:47 PM


आज भी खरे हैं तालाब (पंजाबी)

ਅੱਜ ਵੀ ਖਰੇ ਹਨ ਤਾਲਾਬਆਪਣੀ ਕਿਤਾਬ “ਅੱਜ ਵੀ ਖਰੇ ਹਨ ਤਾਲਾਬ” ਵਿੱਚ ਸ਼੍ਰੀ ਅਨੁਪਮ ਜੀ ਨੇ ਸਮੁੱਚੇ ਭਾਰਤ ਦੇ ਤਾਲਾਬੋਂ , ਪਾਣੀ - ਇਕੱਤਰੀਕਰਨ ਪੱਧਤੀਯੋਂ , ਪਾਣੀ - ਪ੍ਰਬੰਧਨ , ਝੀਲਾਂ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਅਨੇਕ ਸ਼ਾਨਦਾਰ ਪਰੰਪਰਾਵਾਂ ਦੀ ਸੱਮਝ , ਦਰਸ਼ਨ ਅਤੇ ਜਾਂਚ ਨੂੰ ਲਿਪਿਬੱਧ ਕੀਤਾ ਹੈ ।

ਭਾਰਤ ਦੀ ਇਹ ਹਿਕਾਇਤੀ ਪਾਣੀ ਸੰਰਚਨਾਵਾਂ , ਅੱਜ ਵੀ ਹਜਾਰਾਂ ਪਿੰਡਾਂ ਅਤੇ ਕਸਬੀਆਂ ਲਈ ਜੀਵਨਰੇਖਾ ਦੇ ਸਮਾਨ ਹਨ । ਅਨੁਪਮ ਜੀ ਦਾ ਇਹ ਕਾਰਜ , ਦੇਸ਼ ਭਰ ਵਿੱਚ ਕਾਲੀ ਛਾਇਆ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫੈਲ ਰਹੇ ਭੀਸ਼ਨ ਜਲਸੰਕਟ ਵਲੋਂ ਨਿੱਬੜਨ ਅਤੇ ਸਮੱਸਿਆ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੱਮਝਣ ਵਿੱਚ ਇੱਕ “ਗਾਇਡ” ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਅਨੁਪਮ ਜੀ ਨੇ ਪਰਿਆਵਰਣ ਅਤੇ ਪਾਣੀ - ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਦੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਸਾਲਾਂ ਤੱਕ ਕੰਮ ਕੀਤਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵਰਤਮਾਨ ਵਿੱਚ ਉਹ ਗਾਂਧੀ ਸ਼ਾਂਤੀ ਪ੍ਰਤੀਸ਼ਠਾਨ , ਨਵੀਂ ਦਿੱਲੀ ਦੇ ਨਾਲ ਕਾਰਜ ਕਰ ਰਹੇ ਹਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕਿਤਾਬਾਂ , ਖਾਸਕਰ “ਅੱਜ ਵੀ ਖਰੇ ਹਨ ਤਾਲਾਬ” ਅਤੇ “ਰਾਜਸਥਾਨ ਦੀ ਰਜਤ ਬੂੰਦਾਂ” , ਪਾਣੀ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾ ਉੱਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ਿਤ ਕਿਤਾਬਾਂ ਵਿੱਚ ਮੀਲ ਦੇ ਪੱਥਰ ਦੇ ਸਮਾਨ ਹੈ ,

आज भी खरे हैं तालाब (पंजाबी)
अमृतसर को नरेगा का राष्ट्रीय पुरस्कार
Posted on 18 Jun, 2009 12:56 PM
अमृतसर के उपायुक्त केएस पन्नू को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) के बेहतर क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार द्वारा अवार्ड फॉर एक्सीलेंस दिया गया. उन्हें यह अवार्ड 2 फरवरी को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में प्रदान किया गया.
पंजाब के जल में आर्सेनिक का ज़हर
Posted on 04 Apr, 2009 06:48 AM पंज़ाब राज्य का लगभग 80% भूजल मनुष्यों के पीने लायक नहीं बचा है और इस जल में आर्सेनिक की मात्रा अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुँच चुकी है… यह चौंकाने वाला खुलासा पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किये गये एक अध्ययन में सामने आई है। पानी में आर्सेनिक की मात्रा का सुरक्षित मानक स्तर 10 ppb होना चाहिये, जबकि अध्ययन के मुताबिक पंजाब के विभिन्न जिलों से लिये पानी के नमूने में आर्सेनिक की मात्रा 3.5 से 688
ताकि बचे एक-एक बूंद पानी
Posted on 04 Jan, 2011 09:16 AM


अमृतसर के 16 साल के मिथुन देश के दूसरे लाखों किशोरों जैसे ही हैं। लेकिन हैं अपनी तरह के। गरीबी और परेशानी में दिन गुजरे और अब भी वे उसी से दो-चार हो रहे हैं पर इन सबके बाद भी उनका काम ऐसा कि उनके जज्बे को सलाम करने का मन करता है।

river
फसलें लहलहाएं और किसान मालामाल
Posted on 10 Nov, 2010 10:50 AM

जैविक खेती

अमृतसर के गांव मेनिया के हरबंस सिंह के चेहरे पर खुशी के निशान साफ देखे जा सकते हैं। हरबंस सिंह भी पंजाब के उन किसानों में से एक हैं जिन्होंने ज्यादा उत्पादन के लालच में अपने खेतों में भरपूर यूरिया डाला लेकिन जब इसके विपरीत परिणाम आने शुरू हो गए और उनका उत्पादन बढऩे के बजाय घटना शुरू हो गया तो कम उत्पादन के साथ खेत के बंजर होने का भय उनके खेत से ज्यादा उनके चेहरे पर नजर आने

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