सभ्यताएँ नदियों के किनारे पनपी एवं विकसित हुई हैं, लेकिन यह एक कड़वी सच्चाई है कि आधुनिक सभ्यता नदियों को मृत के कगार पर ले जा रही है। बाँधों, बैराजों तथा तटबंधों के निर्माण के कारण नदियों का प्रवाह एवं उनकी प्राकृतिक उगाही की क्षमता प्रभावित हुई है। तब बाढ़ की समस्या बढ़ी है। रेल मार्ग तथा सड़क निर्माण जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण जल जमाव एवं बाढ़ की समस्याओं का विस्तार हुआ।
तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण और औद्योगिकरण में इजाफा तथा औद्योगिक एवं शहरी कचरे निष्पादन की उचित व्यवस्था के अभाव में औद्योगिक कचरे तथा शहर के जल-मल मूत्र आदि सीधे नदियों में पहुँच रहे हैं और नदी के पानी को जहरीला बना रहे हैं। खेती के इस्तेमाल रसायनिक खाद्य एवं कीटनाशक बरसात के पानी में बहकर नदियों में पहुँच रहा है और नदियों को प्रदूषित कर रहा है। देश के भू-जल के अत्यधिक उपयोग के कारण भू-जल का स्तर लगातार गिर रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारण देश में बाढ़ एवं सूखा का फैलाव हुआ है। इसका असर लोगों के स्वास्थ्य एवं अनाज के उत्पाद पर पड़ रहा है।
कुल मिलाकर नदियों को लेकर जो तस्वीर उभर रही है वह अत्यन्त चिन्ताजनक है। जल का संकट गहराता जा रहा है। देश के कई प्रमुख शहर दिल्ली, चेन्नई, बंगलुरू आदि गम्भीर जल संकट का सामना कर रहे हैं। गंगा, यमुना, दामोदर आदि बड़ी नदियाँ अपने अस्तित्व पर संकट झेल रही हैं। अनेक छोटी-छोटी नदियाँ, जो बड़ी नदियों की जीवन रेखा होती है या तो खत्म हो गई या खत्म होने के कगार पर हैं।
इस पृष्ठभूमि में 13-14 जुलाई, 2019 को कोलकाता में नदी पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया था, जो नदियों को बचाने एवं जल संरक्षण के लिए देशभर में आन्दोलन को मजबूत करने के संकल्प के साथ सम्पन्न हुआ। इसी क्रम में 22-23 सितम्बर, 2019 को धनबाद में दो दिवसीय नदी सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। इस सम्मेलन में झारखण्ड के सभी जिलों के प्रतिनिधियों के अलावा देश में नदी-पानी पर काम करने वाले प्रमुख कार्यकर्ता, अर्थशास्त्री, लेखक, पत्रकार, समाज शास्त्री, वरिष्ठ गाँधीजन, अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, इंजीनियर्स, वैज्ञानिक, पर्यावरणविद्, नदी विशेषज्ञ, युवा एवं महिला आदि कार्यकर्ता शामिल होंगे।
इस कार्यक्रम में आप सभी आमंत्रित हैं।
निवेदक
छोटानागपुर किसान विकास संघ
नदी बचाओ, जीवन बचाओ
स्थान - अधिकारी सभागार, पुटकी, धनबाद
सम्पर्क सूत्र - 9430128789, 8789419739, 9334487733
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