जलबिरादरी
आमंत्रण
हाल के वर्षों में भारत की नदियों पर नित नए संकट से आप परिचित हैं। जब तक हमारा समाज नदी के किनारे बैठकर नदी की चिन्ता करता था.... उसकी नीति व निगरानी की व्यवस्था करता था; तब तक हमारी नदियां पूरी तरह शुद्ध, सदानीरा व अविरल बनी रहीं। अच्छी ताकतों द्वारा एकजुट होकर पानी.... प्रकृति के प्रति हो रहे बुरे कामों को रोकने की साझा कोशिश को ही भारत की पुरातन प्रकृति प्रबन्धन व्यवस्था में कुंभ का नाम दिया गया। कुंभ का मूल अभिप्राय व अवधारणा यही है।
आज यह क्रम टूट गया है। कुम्भ अब नदी की पवित्रता और शुध्दता कायम करने का मौका न होकर, सिर्फ स्नान और नदी में पाप धोने की रस्मअदायगी भर बन कर रह गया है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत की नदियों पर आज संकट इतना गहरा और तेज है कि कुंभ की मूल अवधारणा पर लौटे बगैर नदियों की शुध्दता और पवित्रता को हासिल करना मुश्किल है। अत: जलबिरादरी ने इस दिशा में जी तोड़ कोशिश करने का निश्चय किया है। हम इसी प्रयास में लगे हैं।
भारत में एक ओर तेजी से सूखती और मैली नदियों के उदाहरण बढ़ रहें हैं, तो दूसरी ओर छोटी-छोटी कोशिशों के साझे प्रयास से पुनर्जीवित होती नदियों के उदाहरण भी हमारे सामने हैं। जब देश के एक इलाके में छोटे-छोटे कामों से नदियां पुनर्जीवित हो सकती हैं, तो देश के दूसरे इलाकों में नदी पुनर्जीवन का काम क्यों नहीं हो सकता? इनसे सीखकर हम अपनी नदियों को पुनर्जीवित करने के काम में लग सकते हैं। अब जरूरी हो गया है कि भारत का समाज वर्तमान नदी संकट के दौर में नदी पुनर्जीवन की अपनी एक नीति बनाये और हमारी सरकारों को उसे संवैधानिक मंजूरी देने के लिए बाध्य करे।
राजस्थान में अरवरी, जहाजवाली, सरसा, भगाणी तिलदेह, रूपारेल, साबी और महेश्वरा ... सभी सातों पुनर्जीवित नदियों के गांव 2 अक्टूबर 2008 को गांधी जयंती के दिन बृहस्पतिवार को तरुण आश्रम, भीकमपुरा, अलवर में आयोजित कुंभ में जुटेंगे। आप अपनी नदियों के जल कलश के साथ यहां पधारें। प्रतीकात्मक रूप में अपना नदी ध्वज/बैनर साथ लायें। इस मौके पर आपकी उपस्थिति का खास महत्व है। कृपया अपने आगमन की पूर्व सूचना दें, ताकि हम व्यवस्था कर सकें।
तरुण आश्रम में भोजन और आवास की सादी व्यवस्था रहेगी। अधिक विवरण के लिए आप संघ के महामंत्री कन्हैया लाल गुर्जर (09414019456) व सुश्री देवयानी कुलकर्णी (09351210774) से सम्पर्क कर सकते हैं।
राजेन्द्र सिंह, जलबिरादरी
जयपुर, फोन. 0141-2393178,
ई-मेल:-watermantbs@yahoo.com, jalpurushtbs@gmail.com
आमंत्रण
हाल के वर्षों में भारत की नदियों पर नित नए संकट से आप परिचित हैं। जब तक हमारा समाज नदी के किनारे बैठकर नदी की चिन्ता करता था.... उसकी नीति व निगरानी की व्यवस्था करता था; तब तक हमारी नदियां पूरी तरह शुद्ध, सदानीरा व अविरल बनी रहीं। अच्छी ताकतों द्वारा एकजुट होकर पानी.... प्रकृति के प्रति हो रहे बुरे कामों को रोकने की साझा कोशिश को ही भारत की पुरातन प्रकृति प्रबन्धन व्यवस्था में कुंभ का नाम दिया गया। कुंभ का मूल अभिप्राय व अवधारणा यही है।
आज यह क्रम टूट गया है। कुम्भ अब नदी की पवित्रता और शुध्दता कायम करने का मौका न होकर, सिर्फ स्नान और नदी में पाप धोने की रस्मअदायगी भर बन कर रह गया है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत की नदियों पर आज संकट इतना गहरा और तेज है कि कुंभ की मूल अवधारणा पर लौटे बगैर नदियों की शुध्दता और पवित्रता को हासिल करना मुश्किल है। अत: जलबिरादरी ने इस दिशा में जी तोड़ कोशिश करने का निश्चय किया है। हम इसी प्रयास में लगे हैं।
भारत में एक ओर तेजी से सूखती और मैली नदियों के उदाहरण बढ़ रहें हैं, तो दूसरी ओर छोटी-छोटी कोशिशों के साझे प्रयास से पुनर्जीवित होती नदियों के उदाहरण भी हमारे सामने हैं। जब देश के एक इलाके में छोटे-छोटे कामों से नदियां पुनर्जीवित हो सकती हैं, तो देश के दूसरे इलाकों में नदी पुनर्जीवन का काम क्यों नहीं हो सकता? इनसे सीखकर हम अपनी नदियों को पुनर्जीवित करने के काम में लग सकते हैं। अब जरूरी हो गया है कि भारत का समाज वर्तमान नदी संकट के दौर में नदी पुनर्जीवन की अपनी एक नीति बनाये और हमारी सरकारों को उसे संवैधानिक मंजूरी देने के लिए बाध्य करे।
राजस्थान में अरवरी, जहाजवाली, सरसा, भगाणी तिलदेह, रूपारेल, साबी और महेश्वरा ... सभी सातों पुनर्जीवित नदियों के गांव 2 अक्टूबर 2008 को गांधी जयंती के दिन बृहस्पतिवार को तरुण आश्रम, भीकमपुरा, अलवर में आयोजित कुंभ में जुटेंगे। आप अपनी नदियों के जल कलश के साथ यहां पधारें। प्रतीकात्मक रूप में अपना नदी ध्वज/बैनर साथ लायें। इस मौके पर आपकी उपस्थिति का खास महत्व है। कृपया अपने आगमन की पूर्व सूचना दें, ताकि हम व्यवस्था कर सकें।
तरुण आश्रम में भोजन और आवास की सादी व्यवस्था रहेगी। अधिक विवरण के लिए आप संघ के महामंत्री कन्हैया लाल गुर्जर (09414019456) व सुश्री देवयानी कुलकर्णी (09351210774) से सम्पर्क कर सकते हैं।
राजेन्द्र सिंह, जलबिरादरी
जयपुर, फोन. 0141-2393178,
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