चिराग: स्वदेश की खोज - 2009


सेंट्रल हिमालयन ग्रामीण कार्य समूह (चिराग) एक अव्यवसायिक संगठन, सोसायटी अधिनियम (1860) के अधीन पंजीकृत है. चिराग ग्रामीण समुदायों को एकीकृत विकास के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए और समर्पित है और भारतीय मध्य हिमालय में 1986 से काम कर रहा है.

चिराग जुलाई में युवाओं के लिए 2 सप्ताह का फाउंडेशन कोर्स आयोजित कर रहा है जो उत्तरांचल के नैनीताल जिले में आयोजित किया जाएगा. इस पाठ्यक्रम के जरिये युवाओं को ग्रामीण जीवन के बारे में उन्मुख करने का प्रयास किया जाएगा.

इस पाठ्यक्रम में गांवों में जीवन का विश्लेषण, सामुदायिक स्वास्थ्य देखभाल, प्राकृतिक संसाधन, मानव और पशुओं, कृषि, सामुदायिक वानिकी, पशुपालन, ग्रामीण आजीविका और पानी के साथ उनके रिश्ते, प्रशासन और पंचायती राज व प्राथमिक शिक्षा पर सत्र शामिल होंगे. पाठ्यक्रम के दौरान प्रशिक्षुओं को गांवों का दौरा करने के साथ वहां रात बिताने का भी अनुभव प्राप्त होगा.

निम्नलिखित क्षेत्रों में काम करते हुए ग्रामीण भारत में एक साल बिताने का अनुभव

- प्राथमिक शिक्षा
- प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल
- ग्रामीण आजीविका
- पर्यावरण विकास

प्रतिभागियों के खाने की व्यवस्था के साथ व अन्य बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए 4000 रुपये प्रति माह का मासिक वजीफा प्रदान किया जाएगा. इस यात्रा की लागत चिराग और मेजबान संगठनों द्वारा वहन की जाएगी.

पात्रता:

2 साल के अनुभव के साथ स्नातक डिग्री या डिप्लोमा कार्य (12 वीं कक्षा के बाद), आयु सीमा- 21 से 28 वर्ष. जुलाई 2009 से जून 2010 के बीच परीक्षा पास करने वाले व्यक्ति पात्र नहीं होंगे. कोर्स के दौरान परीक्षा देने के लिए अवकाश प्रदान नहीं किया जाएगा.

आवेदन करने की प्रक्रिया:
फार्म www.chirag.org पर उपलब्ध है, फार्म के लिए youth@chirag.org या info@chirag.org पर मेल कर अनुरोध किया जा सकता है. आवेदन प्राप्त होने की आखिरी तारीख 15 मई 2009 है.

चयन प्रक्रिया:
प्राप्त आवेदनों में से अधिकतम 30 युवा चुने जाएँगे. 10 जून तक सभी उम्मीदवारों को (चाहे चयनित हों या नहीं) ईमेल या डाक द्वारा सूचित कर दिया जाएगा. कार्यक्रम 1 जुलाई, 2009 से शुरू होगा. अपने आवेदन में मई 15, 2009 तक भेजें.
Path Alias

/events/cairaaga-savadaesa-kai-khaoja-2009

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