अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय द्वारा कृषि पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रारम्भ

विश्वविद्यालय का परिचय


मध्य प्रदेश शासन द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना सन 2011 भोपाल में की गई है। इस विश्वविद्यालय की सर्वोच्च नीति-निर्धारक संस्था साधारण परिषद है जिसके अध्यक्ष प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री हैं।

अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय, भोपाल भारत सहित सम्पूर्ण विश्व का पहला विश्वविद्यालय है, जो ज्ञान विज्ञान की समस्त शाखाओं के शिक्षण-प्रशिक्षण, प्रकाशन-विस्तार तथा राष्ट्रीय लोक व्यवहार को हिन्दी भाषा में सम्भव तथा सम्पन्न करने के लिये संकल्पित है। हिंदी विश्वविद्यालय की परिकल्पना ऐसे विश्वस्तरीय मानकों के निर्माण करने की है, जिनके आधार पर हमारे शिक्षकों में भी गुणात्मक अध्ययन-अध्यापन एवं शोध की क्षमता में निरन्तर वृद्धि हो सके। यहाँ शिक्षण और प्रशिक्षण की ऐसी प्रविधियों की संरचना की गई है, जिससे गुरू-शिष्य परम्परा के आधार पर व्यावहारिक निपुणताओं को आगे बढ़ाया जा सके तथा योजनाबद्ध शिक्षण, प्रशिक्षण, प्रदर्शन की अत्याधुनिक प्रविधियों, संग्रहण, सर्वेक्षण, अभिलेखीकरण, श्रेष्ठ भाषाविदों के सानिध्य एवं सहयोग से मार्गदर्शन कर सके।

यह विश्वविद्यालय स्वावलम्बन एवं स्वरोजगार का प्रेरणा स्रोत है, जो युवाओं के मन में नौकरियों के व्यामोह के स्थान पर स्वरोजगार की भावना को विकसित करेगा जिससे रोजगार की व्यवस्था का समाधान ढूँढा जा सकेगा।

विभाग का परिचय


अटल बिहारी हिन्दी विश्वविद्यालय द्वारा कृषि तथा कृषि से सम्बद्ध अन्य क्षेत्र में स्वावलम्बन, स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भरता एवं शिक्षा को दृष्टिगोचर करते हुए एक कृषि विभाग संकाय की स्थापना की संकल्पना की गई है। जिसमें कृषि की विविधताओं की पूर्ण सम्भावनाओं के अन्तर्गत उद्यानिकी, पशुपालन प्रबन्धन एवं कृषि अभियांत्रिकी आदि विषयों के पाठ्यक्रम संचालित करना चाहता है।

संचालित पाठ्यक्रम


कृषि विज्ञान संकाय के अन्तर्गत चलाए जाने वाले पाठ्यक्रम-

 

क्रम

पाठ्यक्रम का नाम

अवधि

प्रवेश के लिये अर्हता एवं स्थान

आयु

1.

जैविक कृषि प्रौद्योगिकी प्रबन्धन (मंत्रोपाधि पाठ्यक्रम)

1 वर्ष (2 सेमेस्टर)

10+2 उत्तीर्ण मध्य प्रदेश बोर्ड या विधि मान्य सम्बद्ध बोर्ड संख्या- 20 स्थान

कोई बन्धन नहीं

2.

जैविक कृषि प्रौद्योगिकी प्रबन्धन (प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम)

छः माह (एक सेमेस्टर)

तदैव

तदैव

3.

जैविक कृषि प्रौद्योगिकी प्रबन्धन (प्रशिक्षण)

15 दिन

तदैव

तदैव

 

प्रस्तावित योजनाएँ


1. कृषि विज्ञान स्नातक, स्नातकोत्तर (शस्य विज्ञान, पादप रोग विज्ञान, पादप प्रजनन, अनुवांशिकी, कृषि विस्तार एवं संचार) का अध्यापन प्रस्तावित।
2. कृषि से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार के जागरुकता शिविर, कार्यशालाओं का आयोजन कर प्रेरित करना।
3. प्रशिक्षण और प्रदर्शन के द्वारा उत्पादन एवं प्रक्रिया के तकनीक का प्रचार-प्रसार करना।
4. वर्मीकम्पोस्ट, वर्मीवाश, जैविक खाद की विभिन्न विधियों का प्रदर्शन, प्रशिक्षण एवं कार्यशालाएँ आयोजित करना)
5. मशरूम उत्पादन तकनीक एवं प्रबन्धन के प्रशिक्षण तथा कार्यशालाएँ आयोजित करना।
6. कृषि सम्बन्धी रोजगारोन्मूलक प्रशिक्षण तथा कार्यशालाएँ आयोजित करना।

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