विष्णु खरे
विष्णु खरे
शाप
Posted on 04 Oct, 2013 04:04 PMपेड़ शाप देते हैंबचे हुए पेड़ धीरे-धीरे अपने पैरों के पास
रेतीली जमीन या पहाड़ों की नंगी रीढ़ सरकते आते देखते हैं
और समझ जाते हैं
प्रतीक्षा करते हैं कि कटकर गिरने से पहले
अपने शरीरों से उठती अंतिम गंध को नहीं कोई तो
सूख जाने वाली उनकी पत्तियाँ ही सूँघे
बादल, नदियाँ, जानवर और चिड़ियाँ
सुनते हैं पेड़ों की आखिरी साँसों को