वीरेंद्र पैन्यूली

वीरेंद्र पैन्यूली
हिमालय का संकट
Posted on 10 Sep, 2011 10:28 AM

पहाड़ी क्षेत्रों में विकास कार्यों में भ्रष्टाचार और प्राकृतिक संपदाओं की लूट को रोकने के लिए स

पैदावार बढ़ाने की मुश्किलें
Posted on 15 Oct, 2010 03:10 PM
खेती छोटे जोतों में घाटे का सौदा सिद्ध हो रही है। खेती वाली जमीनें आवासीय क्षेत्रों में तब्दील हो गई हैं। लेकिन जहां खेती की जमीन कम हो रही है वहीं बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों के लिए घटते खेतों से अधिक पैदावार लेने की होड़ बढ़ गई है। पर्यावरण संरक्षण के मामलों में खेती को हम अक्सर भूल जाते हैं। लेकिन खेती ही आदिम मानव की वह पहली मुख्य गतिविधि थी, जिससे पर्यावरण बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ था। आदिम मानव ने जंगलों को जलाने या बिल्कुल साफ करने की शुरुआत खेतों को बनाने के लिए की थी। खेती करने से मनुष्य को खाने के लिए जंगलों में जगह-जगह भटकने की मजबूरी कम हो गई थी।

पर्यावरण के नजरिए से खेती को समझना जरूरी है। एक ही तरह के फसल चक्र से जमीन में सूक्ष्म खनिज संबंधी असंतुलन पैदा हो जाता है। यह जैव विविधता खेती में तब और कम हो जाती है जब बड़े पैमाने पर व्यावसायिक लाभ के लिए प्रयोगशाला में निर्मित बीजों से एक ही तरह के फसल की खेती की जाती है। इससे खेती पर निर्भर जीव जंतुओं की विविधता और उनके भोजन चक्र पर भी असर पड़ता है। एकल प्रजातियां विविधता भी खत्म कर रही हैं
मायके में सूख रही गंगा
Posted on 15 Apr, 2010 09:13 AM

उत्तराखंड इस समय पानी की कमी के संकट से गुजर रहा है। यहां की नदियों, तालाबों, जलस्रोतों में लगातार पानी कम हो रहा है। यहां तक कि हरिद्वार के महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए कई घाटों पर चार फुट पानी भी न मिलने की लोगों ने शिकायतें की हैं। पूरे राज्य में जगह-जगह नदी बचाओ, घाटी बचाओ आंदोलन चल रहे हैं। जल स्रोतों के सूखने या उन तक पानी न पहुंचने से करोड़ों रुपये की पाइप लाइन योजनाएं बेकार हो गई ह
सुलगते हुए जंगल
Posted on 08 Apr, 2010 09:30 PM

पूरे विश्व में जलते हुए जंगल अपने साथ नई आपदाएं लाते रहे हैं। सरकारों को जंगलों मे लगी आग के कारण कई बार आपातकाल की घोषणाएं भी करनी पड़ती हैं। पिछले वर्ष अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया में जंगलों की आग के कारण आपात स्थिति लगी थी। हमारे देश में जंगलों का फायर सीजन फरवरी से जून के बीच का माना जाता है। उत्तराखंड व हिमाचल के जंगलों में भयंकर आग लगती है। उत्तर प्रदेश व कर्नाटक में भी जंगलों में आग लगती है
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