Posted on 26 Apr, 2012 10:48 AMजल एक मुख्य प्राकृतिक संसाधन है। जल जंतु-जगत की आधारभूत आवश्यकता है और सभी प्रकार के विकास कार्यों का एक मुख्य तत्व है। जल परिस्थितिकी का एक अनिवार्य एवं नियंत्रक तत्व है। पौराणिक काल में भी लोगों को इस वैज्ञानिक सत्य का ज्ञान था कि मानव या जंतु शरीर, पृथ्वी, जल, तेज (अग्नि), वायु एवं प्रकाश पंच माहभूतों से बना हुआ है। इसीलिए हमारे ऋषि-मुनि यह प्रार्थना करते थे कि जिन पांच तत्वों से यह शरीर बना है
Posted on 16 Feb, 2012 12:58 PMकुसुम की फसल की बढ़ोत्तरी, उपज तथा जोलपभोग पर बुवाई के समय तथा नाइट्रोजन सिंचाई जल के विभिन्न स्तरों का अध्ययन करने के लिए राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थिति मटियार दोमट भूमि वाले कृषि अनुसंधान केंद्र, राजस्थान कृषि विश्विद्यालय, बांसवाड़ा पर लगातार दो वर्षों तक परीक्षण किया गया। स्पलीट प्लॉट डिजाईन पर किए गए इस परीक्षण में 4 बुवाई की तिथियों (15, 30 अक्टूबर एव 15, 30 नवम्बर) एवं 3 नाइट्रोजन के स्
Posted on 16 Feb, 2012 12:48 PMदलहन-आधारित फसल-चक्रों की उपज, आय तथा जलोपभोग-क्षमता एवं दक्षता पर विभिन्न सिंचाई जल-स्तरों के प्रभाव का आंकलन करने हेतु, राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी नहर-सिंचित क्षेत्र के कृषि अनुसंधान केंद्र (राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय) श्रीगंगानगर पर वर्ष 1986-87 से 1989-90 (चार वर्षों तक) एक प्रक्षेत्र के एक ही निश्चित स्थान पर परीक्षण किए गए। “स्पलीट प्लाट डिजाईन” पर बोये गए इस परीक्षण में 3 दलहन-आधारित फसल-चक