उमेश कुमार राय
स्वामी सानंद - कलयुग का भगीरथ
Posted on 13 Oct, 2018 02:02 PMमैं 10 अक्टूबर से पानी पीना भी छोड़ दूँगा। सम्भवतः मैं दशहरा से पहले ही मर जाऊँगा। अगर मैं गंगा को बचाने के दौरान मर जाऊँ, तो मुझे कोई पछतावा नहीं होगा। - स्वामी सानंद
मौत का कुआँ बनती शौचालय टंकियाँ
Posted on 11 Sep, 2018 06:55 PMरविवार की दोपहर का वक्त था। दिल्ली के मोती नगर में स्थित रिहायशी कॉम्प्लैक्स डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के सेप्टिक टैंक की सफाई के लिये पाँच कर्मचारियों राजा, उमेश, पंकज, सरफराज और विशाल को टैंक में उतारा गया था।
मानव जनित है केरल में बाढ़ का कहर
Posted on 27 Aug, 2018 02:14 PMदेश के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से में मालाबार तट पर करीब 39000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में एक बेहद खूबसूरत सूबा बसा हुआ है। नाम है केरल। इस राज्य की खूबसूरती ही है कि इसे ‘ईश्वर का अपना देश’ भी कहा जाता है।
बंगाल में उपजने वाले चावल में भी आर्सेनिक
Posted on 14 Aug, 2018 01:10 PMक्या आप पश्चिम बंगाल से आने वाला चावल खाते हैं? सवाल अटपटा जरूर है, लेकिन इसका जवाब जानना बहुत जरूरी है। और अगर आपका जवाब हाँ है, तो आपके लिये बुरी खबर है!बंगाल की नदियों का अस्तित्व खतरे में
Posted on 24 Apr, 2018 06:41 PMमानव सभ्यता के विकास में नदियों का बड़ा योगदान है। कमोबेश सभी सभ्यताएँ नदियों के किनारे ही विकसित हुईं हैं। वजह है जीवन के लिये जल सबसे जरूरी तत्व है और नदियों को जल के अकूत स्रोत के रूप में देखा गया।
भारत में शायद ही कोई राज्य है, जिससे होकर नदियाँ न गुजरती हों। बंगाल की खाड़ी से सटे पश्चिम बंगाल को तो ‘नदीमातृक’ नाम से नवाजा गया है।
विकलांग हो गया विनोबा भावे का बसाया गांव
Posted on 20 Apr, 2018 05:24 PM
गया जिले के आमस चौक से कुछ पहले स्थित एक स्कूल के करीब से बायीं तरफ एक सड़क जाती है। कुछ दूर चलने पर यह सड़क बायीं तरफ मुड़ जाती है। वहीं से दायीं तरफ एक पगडंडी शुरू हो जाती है। आड़ी-तिरछी, उतार-चढ़ाव और गड्ढोंवाली यह पगडंडी पहाड़ों के बीच से होकर एक गांव तक पहुंचती है। इस गांव का नाम भूपनगर है।
गाद से बना एक द्वीप, जहाँ आज एक दुनिया आबाद है
Posted on 25 Mar, 2018 01:52 PM
पश्चिम बंगाल में हल्दी और हुगली नदी के मुहाने पर एक बेहद छोटा-सा द्वीप है। यह द्वीप चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है।
दोनों नदियों द्वारा भारी मात्रा में गाद लाकर यहाँ जमा कर देने से यह द्वीप अस्तित्व में आया है।
द्वीप लम्बे समय तक बंजर और वीरान था। वहाँ न कोई पौधा था और न कोई पशु-पक्षी। लोग भी उसकी तरफ नहीं देखते थे।
केप टाउन का जलसंकट भारत के लिये भी सबक
Posted on 22 Mar, 2018 05:36 PM
दक्षिण अफ्रीका की राजधानी केप टाउन बन्दरगाह, बाग-बगीचों व पर्वत शृंखलाओं के लिये मशहूर है।
यह एक खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट भी है, जो दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर खींचता है।
यहाँ पहले जनजातियाँ रहा करती थीं। इस क्षेत्र में यूरोपियनों की घुसपैठ 1652 में हुई। चूँकि यह जलमार्ग से भी जुड़ता था, इसलिये इसे व्यापारिक केन्द्र के रूप में भी विकसित किया जाने लगा और धीरे-धीरे यह शहर दुनिया के सबसे सुन्दर शहरों में शुमार हो गया।
जलसंकट के भंवर में भारत
Posted on 21 Mar, 2018 12:56 PM
लिओनार्दो दा विंची की एक उक्ति है-
पानी पूरी प्रकृति की संचालक शक्ति है।
लिओनार्दो कोई वैज्ञानिक नहीं थे। न ही वह कोई पर्यावरण विशेषज्ञ थे। वह पानी को लेकर काम करने वाले एक्सपर्ट भी नहीं थे।
मोकामा टाल के लिये ‘गाज’ बनी गंगा की गाद
Posted on 17 Mar, 2018 03:27 PM21 अप्रैल 1975 को 150 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से फरक्का बैराज बनकर तैयार हुआ था। उस वक्त माना जा रहा था कि यह विकास की नई इबारत लिखेगा।