स्वराज अभियान

स्वराज अभियान
सामूहिक निर्णय लेने की ताकत पर मुस्कराता गांव बख्तावरपुरा
Posted on 31 May, 2011 12:43 PM

दिल्ली झुंझनू मार्ग पर, झुंझनू से करीब 20 किलोमीटर पहले पड़ने वाला एक गांव, यहां की साफ सफाई, चमचमाती हुई सड़क, बरबस ही यहां से गुजरने वालों का ध्यान अपनी ओर खींचती है। रास्ते में एक बोर्ड लगा है जिस पर लिखा है `मुस्कराईए कि आप राजस्थान के गौरव बख्तावरपुरा गांव से गुजर रहे हैं। रुककर गांववालों से बात करते हैं तो पता चलता है कि इस गांव में आज पानी की एक बूंद भी सड़क पर या नाली में व्यर्थ नहीं बह

ग्राम सरपंच महेन्द्र कटेवा बताते हैं कि गांव की ज़रूरतों के लिए हर रोज़ साढ़े चार लाख लीटर पानी ज़मीन से निकाला जाता है लेकिन इसमें से करीब 95 फीसदी वापस उसी दिन रिचार्ज कर दिया जाता है। पानी की कमी से जूझ रहे राजस्थान के गांवों के लिए यह एक बड़ी घटना है।
मेंढ़ा लेखा गांव
Posted on 31 May, 2011 12:07 PM

महाराष्ट्र के गढ़-चिरौली का एक गांव मेंढ़ा लेखा जहां के लोगों का कहना है कि अपने गांव में हम स्वयं ही सरकार हैं। और दिल्ली, मुंबई की सरकार हमारी सरकार है। यानि इनके लिए सरकार का मतलब सिर्फ राज्य और देश की राजधानी में बैठे चंद नेता नहीं हैं, बल्कि यहां के लोगों की खुद की एक सरकार है और यहीं असली सरकार राज चलता है। धनोड़ा तहसील में बसे मेंढ़ा गांव में गोंड आदिवासियों के 84 परिवार (2007 तक जनसंख्य

रेगिस्तान में स्वराज कहानी गोपालपुरा गांव की
Posted on 31 May, 2011 09:45 AM

राजस्थान के चुरू ज़िले की सुजानगढ़ के रेगिस्तान में गोपालपुरा गांव विकास की नई कहानी लिख रहा है। 2005 में हुए पंचायत चुनाव में गोपालपुरा पंचायत के तहत आने वाले तीन मजरों- गोपालपुरा, सुरवास और डूंगरघाटी के लोगों ने सविता राठी को सरपंच चुना। वकालत की पढ़ाई कर चुकीं सविता राठी ने (लोगों के साथ मिलकर) गांव के विकास का नारा दिया था। लेकिन सरपंच बनने के बाद सविता राठी ने सबसे पहला काम ग्राम सभा की नि

गोपालपुरा गांव में ग्राम सभा
भौगोलीकरण का जवाब : कुटुम्बकम
Posted on 31 May, 2008 12:36 PM

भौगोलीकरण का जवाब : कुटुम्बकमतमिलनाडु़ की राजधानी चेन्नई से करीब 40 किलोमीटर दूर बसा गाँव कुटुम्बकम पिछले 15 साल से ग्राम स्वराज के रास्ते पर चल रहा है। 15 साल पहले तक यहाँ हर वो बुराई थी जो देश के किसी भी अन्य गाँव में देखी जा सकती है। शराब पीना, शराब पीकर घर में मारपीट, गाँव में आपस में झगड़े, छुआछूत, गन्दगी आदि आदि।

गंगा देवी पल्ली गाँव : ज़िन्दगी बदलनी है तो खुद कदम उठाइये
Posted on 31 May, 2011 10:09 AM

आंध्र प्रदेश के वारंगल जिले की मचापुर ग्राम पंचायत का एक छोटा-सा पुरवा था `गंगा देवी पल्ली´। ग्राम पंचायत से दूर और अलग होने के चलते विकास की हवा या सरकारी योजनाएं यहां के लोगों तक कभी नहीं पहुंची। बहुत सी चीजें बदल सकती थी लेकिन नहीं बदली क्योंकि लोग प्रतीक्षा किये जा रहे थे… कि कोई आएगा और उनकी जिन्दगी सुधरेगा। उसमें बदलाव की नई हवा लाएगा। करीब दो दशक पहले गंगा देवी पल्ली के लोगों ने तय किया

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