सुनीता नारायण
सुनीता नारायण
वन व वन्य प्राणियों के संरक्षण की विडंबना
Posted on 06 Feb, 2013 03:21 PM वन विभाग द्वारा जारी पासों के जरिए इस इलाके में प्रवेश को नियंत्रिकहानी का अंत ऐसा न हो!
Posted on 05 Feb, 2013 03:09 PMलोगों की ज़मीन, जंगल, जल और जीविका का क्या होगा, इसकी कोई चिंता नहीं दिख रही थी। इसके बाद मैंने रिपोर्ट देखी। रिपोर्ट में एक नक्शा तक नहीं था, जिसमें बसाहट या खेतों को दिखाया गया हो। रिपोर्ट में बड़े ही लापरवाह अंदाज में यह जिक्र है कि खनन परियोजना के ईर्द-गिर्द तालाब या नदी नहीं है। सड़कों और खदानों पर जल छिड़काव से लोगों को मिल रहे पानी की मात्रा पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कुछ दूरी पर बहने वाली साल नदी और यहां तक कि अरब सागर पर पड़ने वाले असर के बारे में चर्चा की गई। लेकिन पहाड़ियों से निकलकर खेतों को सींचने वाली जलधाराओं का कोई जिक्र नहीं है। दक्षिणी गोवा का क्यूपेम तालुका। शांतादुर्गा मंदिर के सामुदायिक भवन की सारी कुर्सियां भर चुकी हैं। कुछ ही देर में शक्ति बॉक्साइट खदान के मामले में जन-सुनवाई शुरू होने वाली है। तभी फुसफुसाहट शुरू हो जाती है। मंदिर समिति को मंदिर प्रांगण में जनसुनवाई पर आपत्ति है। जनसुनवाई टाल दी जाती है। भीड़ छंट जाती है। इस बार भी तीस दिन पहले नोटिस देने के नियम को तोड़ा गया। महज दो दिन पहले पंचायत ने लोगों को बॉक्साइट परियोजना के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज करने के लिए बुलाया था। धान की खेती वाले गोवा के इस इलाके में बॉक्साइट खदान के विस्तार की योजना है और इसकी क्षमता एक लाख से बढ़ाकर दस लाख टन की जानी है। बॉक्साइट की खुदाई अब 26 हेक्टेयर से बढ़ाकर 826 हेक्टेयर क्षेत्र में की जानी है।ज़मीन अधिग्रहण : कीमत क्या हो ?
Posted on 05 Feb, 2013 02:53 PM सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बाजार की शक्ति में यकीन रखने वाले भीभारत, चीन और जहर का बाजार
Posted on 05 Feb, 2013 02:35 PM हम वैसे उन टॉक्सिन्स के बगैर भी खेती कर सकते हैं, जिनकी बाद में साविकास के नाम पर पर्यावरण का बंटाधार
Posted on 04 Feb, 2013 03:42 PM यहां हमें स्पष्ट समझना चाहिए कि लोकतंत्र और दक्षता की इस लड़ाई मेंखोदते-खोदते खो देंगे गोवा
Posted on 04 Feb, 2013 03:27 PM ग्रामीणों की सिर्फ एक ही मांग है कि खदान को बंद किया जाए। मैंने न