श्रीलता मेनन
श्रीलता मेनन
बिना सरकारी मदद के बनते शौचालय
Posted on 06 Jun, 2012 11:10 AMजहां एक तरफ हमारे ग्रामीण विकास मंत्री यह जानकर परेशान हैं कि भारत को खुला शौच मुक्त देश बनाने कि दिशा में धीमी प्रगति हुई है। वहीं कोलकाता के कमल कर ने बिना सरकारी मदद से लोगों को शौचालय मुहैया करा रहे हैं। देश में फोन धारकों और टीवी देखने वालों की संख्या में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई है तो संचार क्रांति के इसी असर को इस समस्या से लड़ने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस समस्याशौचालय मुहैया करा देने से ही सेनिटेशन नहीं आ जाता
Posted on 06 Jun, 2012 10:12 AMआजादी के 64 साल बाद भी देश के सिर्फ 47 प्रतिशत घरों में ही शौचालय की सुविधा मौजूद है। बाकी 53 प्रतिशत यानी देश की आधे से भी ज्यादा जनता खुले में ही निवृत होने को मजबूर हैं। हालांकि पिछले 10 सालों में, इसमें 13 प्रतिशत का सुधार हुआ है। 2001 में सिर्फ 34 प्रतिशत घरों में ही शौचालय था। लेकिन स्थिति अब भी कोई ज्यादा अच्छी नहीं है। महज शौचालय मुहैया करा देने से ही काम पूरा नहीं जाता उसके लिए जरूरी हमुश्किल है पर्यावरण प्रभाव का आकलन
Posted on 15 Mar, 2011 10:34 AMपर्यावरण एवं वन मंत्रालय हर महीने 80 से 100 परियोजनाओं को अनुमति देता है।