श्री हुकम चंद्र सोगानी

श्री हुकम चंद्र सोगानी
जल काव्य
Posted on 09 Jan, 2016 02:53 PM


अमृत और दूसरा क्या है
यह जल ही तो अमृत है

जल है तो
सचमुच कल है
आशान्वित अपना
हर पल है।

जल का जो
समझे न मोल
उसे बताओ
यह कितना अनमोल।

जल श्रोतों से
प्राप्त जल से
प्राणों का संचार
जल ही से तो
समक्ष हमारे
यह समग्र संसार।

अपव्यय खुद
जल का रोको
कोई और करे तो

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