संजीव मिश्र

संजीव मिश्र
नदी पर अंधेरा
Posted on 03 Dec, 2013 12:17 PM
आखिरी स्टीमर के
चलने का वक्त
अंधेरे के
नदी पर छाने का वक्त
होता है।

एक संयत बेचैनी से भरी
नदी
कुछ उभर आती है
आसमान की ओर।

आसमान
आधा नदी के भीतर
और आधा नदी के करीब
उसके बाहर होता है।
उजाला
एक ललाए कोने में
सिमटता जाता है।

सूरज
आधा नदी के छोर पर
डूबता है
और आधा
पुल के नीचे
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