संध्या गुप्ता
संध्या गुप्ता
भारतीय जल संकट : विकास, विवाद और संवाद
Posted on 18 Jan, 2013 11:50 AMस्थान : संभावना इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी एंड पॉलिटिक्स,गांव : कंडबारी, पालमपुर, हिमाचल, 176061
तिथि : 26 फरवरी-01 मार्च 2013
भारत में आर्थिक सुधारों के लहर के दूसरे दशक में प्राकृतिक संसाधनों के निजीकरण और कारपोरेटीकरण का दौर तेज हुआ है। इसके साथ-साथ जहां एक ओर विवाद बढ़े हैं तो दूसरी ओर इन संसाधनों पर बड़ी संख्या में लोगों का हक छीना गया है। हालांकि वृद्धि केंद्रित विकास के लिए संसाधनों पर होने वाली बहस के केंद्र में ज़मीन तो हमेशा ही मुद्दा रही, पर मुख्य धारा की मीडिया में पानी के मुद्दे को ज्यादा अहमियत नहीं मिली है।
आर्थिक वृद्धि के इस दौर में न केवल मानवीय पेयजल और अन्य जरूरतों के लिए पानी की कमी को महसूस किया जा रहा है। बल्कि