शिवमपूर्णा

शिवमपूर्णा
नदी पुनीत पुरान बखानी
Posted on 09 Aug, 2015 12:45 PM
मानस में जल की यह 35 वीं शृंखला अयोध्या कांड के 118 वें दोहे से ली गई है। राम वनवास में ग्रामों से गुजरते तब वहाँ के ग्राम वासी उन्हें बिदा करते समय आँखों में जल भर कर सुगम मार्ग बतलाते हैं। विधाता को कोसते है।

निपट निरंकुस निठुर निसंकू।
जेहि ससि कीन्ह सरूज सकलंकू।।
रूख कलपतरू सागर खारा।
तेहि पठए बन राजकुमारा।।

नर्मदा समग्र : नदी नीति
Posted on 03 Aug, 2015 04:27 PM
नदियों को जोड़ने का विषय चर्चा और वाद- विवादों तक सीमित है। इस पर क
Narmada River
पवित्र नदी पम्पा की सफाई
Posted on 03 Aug, 2015 04:07 PM
हम नदियों के प्रदूषण को हटाने के लिये युद्धस्तर पर कार्य करने को त
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