रवीन्द्र कुमार पाठक

रवीन्द्र कुमार पाठक
पुस्तक परिचय - अज्ञान भी ज्ञान है
Posted on 08 Jan, 2017 10:27 AM

यह पुस्तक एक संकलन है। यह संकलन अनुपम मिश्र द्वारा सम्पादित ‘गाँधी मार्ग’ द्वैमासिक पत्रिका में छपे लेखों का सुन्दर नमूना है। शुरुआत विनोबाजी के एक व्याख्यान से होती है। गाँधीजी ने ‘सत्याग्रह’ शब्द पर जोर रखा, विनोबा जी ने ‘सत्याग्रही’ होने के साथ ‘सत्यग्राही’ होने की शर्त भी जोड़ दी। इस संकलन के आलेख दोनों दृष्टियों से खरे हैं, वे ‘सत्याग्रही’ और ‘सत्यग्राही’ दोनों हैं।
अज्ञान भी ज्ञान है
पुस्तक परिचय : महासागर से मिलने की शिक्षा
Posted on 07 Jan, 2017 11:43 AM

अनपुम मिश्र अपनी शैली में अपने पिता पं.
अनुपम मिश्र
सूखे में हराः पानी किसने भरा?
Posted on 14 Mar, 2010 08:15 AM
सोन कमांड एरिया के बीच भी अनेक गांवों की सिंचाई दो हजार बरस पुरानी आहर-पईन प्रणाली से ही होती है। इन इलाकों का हाल मिश्रित रहा। जहां मरम्मत, देखरेख का काम ठीक से हुआ है, वहां तो सिंचाई हो गई। बाकी जगहों में फसल बरबाद भी हुई है।राजनैतिक समाज सेवियों के दुर्भाग्य से सूखा भी इस साल ठीक से नहीं हुआ। न जिले की दृष्टि से, न चुनाव क्षेत्र की दृष्टि से, न पार्टियों के जनाधार की दृष्टि से। आंकड़ेबाज औसत-प्रेमी वैज्ञानिक-इंजीनियर, पदाधिकारियों की दृष्टि से भी सूखा ठीक-ठाक नहीं रहा। बेतरतीब ही सही, वर्षा हो भी गई, कुछ इलाकों में फसल भी हो गई, कमजोर ही सही। बड़ा बैराज, जैसे- सोन नद पर बना इन्द्रपुरी बैराज और छोटे बैराज (अनेक) बड़े इलाके में फसल बचाने में सहायक हुए। बड़े बैराज ने सोन पानी के बंटवारे को लेकर
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