रमेश कुमार
रमेश कुमार
बुराइयां भी मिटाइए और इनाम भी पाइए
Posted on 23 Sep, 2014 04:43 PMदिल्ली महानगर को साफ-सुथरा रखने के लिए एनडीएमसी की नई पहलराष्ट्रीय जल नीति 2012 पर सुझाव आमंत्रित
Posted on 06 Feb, 2012 03:15 PM‘राष्ट्रीय जल नीति 2002’ के दस साल बाद ‘राष्ट्रीय जल नीति 2012’ का मसौदा प्रारूप लोगों की टिप्पणियों और सुझाव के लिए रखा गया है। केंद्र सरकार ‘राष्ट्रीय जल नीति 2012’ को अंतिम रूप देने से पहले सभी की राय लेना चाहती है। पानी जैसे तेजी से घट रहे प्राकृतिक संसाधन के उपयोग के प्रति लोगों को जिम्मेदारी का एहसास मसौदे की प्राथमिकता है इसको मानते हुए सरकार ने समाज के सक्षम तबकों को जल के उपयोग के बदले तर्कपूर्ण दर पर भुगतान की बात कही है।‘राष्ट्रीय जल नीति 2012’ चेताती है कि पानी का असमान वितरण सामाजिक अशांति का सबब बन सकता है। मसौदे में स्पष्ट माना गया है कि देश का एक बड़ा हिस्सा पानी के संकट से जूझ रहा है। बढ़ती आबादी, शहरीकरण और बदलती जीवनशैली में पानी की मांग बढ़ रही है जो कि जल सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती है।
पर्यावरणीय परिवर्तनों से जल पर पड़ने वाले प्रभाव इस नये मसौदे में काफी प्रमुखता से उठाये गए हैं। समुद्र सतह के बढ़ते स्तर, भूमिगत जल और सतह के जलस्रोतों का खारा होना, तटों का डूबना और बारिश की मात्रा में विभिन्नताओं के साथ ही बाढ़ और जमीन के कटाव तथा सूखे की समस्या आदि बातें मसौदे में प्राथमिकता के आधार पर कही गई हैं।