राजेन्द्र जोशी

राजेन्द्र जोशी
नर्मदा को प्रदूषित करते बांध
Posted on 07 Nov, 2011 10:24 AM

नर्मदा नदी पर बन रहे एवं बन चुके बांधों के कारण प्रदूषण रहित यह नदी अब दिनों-दिन प्रदूषित होती जा रही है। अवैध रेत खनन से इस इलाके का दलदलीकरण भी बढ़ेगा जो कि स्थानीय पर्यावरण के लिए विनाशकारी सिद्ध हो सकता है। इन्हीं खदानों के माध्यम से नर्मदा नदी का पानी धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा और जमीन का दलदलीकरण प्रारम्भ हो जायेगा। इसका असर जल्दी दिखाई नहीं देगा लेकिन जब परिणाम सामने आएगें तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। विकास की अवधारणा विनाश को आमत्रंण दे चुकी है। संभलने का वक्त अभी गुजरा नहीं है।

देश में विकास की अवधारणा को लेकर सालों से बहस जारी है। नदियों के प्रवाह को बांधों से रोकने, नहरों से सिंचाई करने और बिजली उत्पादन की छोटी-बड़ी सैकड़ों-हजारों परियोजनाओं के निर्माण से होने वाले असरों को आम आदमी समझ रहा है लेकिन देश के नीति निर्माताओं को अभी लगता है इसकी कोई परवाह नहीं है। देश भर में नदियों पर बनने वाले बांध और नहर परियोजनाओं के परिणाम आम लोगों के लिए कभी भी सुखद नहीं रहे हैं। इन परियोजनाओं से लाभ से अधिक नुकसान हुआ है। इसका ताजा उदाहरण सरदार सरोवर परियोजना में देखने को मिल रहा है। यह परियोजना नर्मदा नदी पर बनी हुई देश की विशालतम बांध परियोजनाओं में से एक है। विगत 10 सालों में इस परियोजना के कारण सैकड़ों किलोमीटर के इलाके में नर्मदा नदी का प्रवाह थम गया है। पानी रुकने के दुष्परिणाम सामने दिखाई देने लगे हैं। मानसून के अलावा भी लगभग पूरे साल नर्मदा का पानी कुछ स्थानों पर प्रदूषित दिखाई पड़ता है।
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