Posted on 24 May, 2015 11:36 AMनमक कर जैसे भयानक कर को वसूलने के लिए बनाई गई एक विशाल बागड़ पर लिखी गई पुस्तक का एक अंश प्रस्तुत है। यह बताता है कि कर के कारण एकदम महँगा हो गया नमक देश की एक बड़ी आबादी के भोजन सेे, थाली से बाहर हो गया था और इस कर की वास्तविक कीमत तो कोई पचास लाख लोगों ने अपनी जान गँवाकर चुकाई थी। नमक की कमी ने मृत्युपथ पर आने वालों की संख्या और गति एकदम बढ़ा दी थी।