प्रो केएन मुखर्जी

प्रो केएन मुखर्जी
प्रकृति में परिवर्तन से बदला मानसून
Posted on 22 Sep, 2010 09:14 AM
लगभग 70 करोड़ साल पहले ओर्कयन युग में विश्व के सबसे पुराने अरावली पर्वत का निर्माण हुआ था। अब इस विशाल पर्वत का सिर्फ कठोर पांतरित भाग ही अवशेष के प में बचा हुआ है। डेकन पठार के विस्तार के प में यह दिल्ली तक फैला है और उत्तर भारत के मैदान में जल विभाजक के प.
सूख जायेगा विशाल जल स्रोत हिमालय
Posted on 22 Sep, 2010 08:43 AM
पिछले 20-25 सालों में पूरे देश में वर्षा की मात्रा में कमी आयी है, यद्यपि इस दौरान कुछ इलाकों में चक्रवात के कारण बहुत ज्यादा बारिश हुई है। इसका उदाहरण 1978 में बंगाल की खाड़ी में हुई 29 और 30 सितंबर की 750 मिलीमीटर वर्षा है। बहुत कम या बहुत ज्यादा वर्षा चक्रवात, अवदाब या निम्न दबाव पर निर्भर करता है। इसलिए चक्रवात के कारण हुई बारिश, कृषि को बहुत अधिक लाभ पहुंचाने के बदले बरबादी का कारण बनता है। ल
ज्यादा पैदावार के लालच में अकाल !
Posted on 22 Sep, 2010 08:31 AM वर्तमान में मानसून का अनियमित होना और वर्षा की मात्रा में स्पष्ट कमी, गंभीर समस्या के रूप में सामने है। यह समस्या पूरे देश के जन-जीवन को प्रभावित कर रही है। सिर्फ भारत में ही नहीं ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, सोवियत यूनियन और चीन जैसे देशों में भी यह समस्या बढ़ी है।भारतीय उपमहाद्वीप का बहुत बड़ा हिस्सा उष्णकटिबंधीय है, जो 5 से 30 डिग्री अक्षांश के बीच पड़ता है। जहां वायु की ग्रहीय संचार पद्धति उतर-पूर्वी
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