प्रदीप सिंह

प्रदीप सिंह
राजनीति का विश्व सांस्कृतिक उत्सव
Posted on 16 Mar, 2016 04:06 PM

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के भारी विरोध के बावजूद दिल्ली में विश्व सांस्कृतिक उत्सव सम्पन्न हो चुका है। यमुना के किनारे इतने बड़े आयोजन के बाद पर्यावरण को कितना नुकसान हुआ, इसका लेखा-जोखा न तो पहले हुआ और न ही बाद में किया गया। पर्यावरणविदों का अनुमान है कि कार्यक्रम के लिये जितने पेड़-पौधे काटे गए और वाटरबॉडी में कचरा भर कर समतल किया गया। उसका खामियाजा दिल्ली की जनता और

हिमाचल के सेब पर ग्लोबल वार्मिंग का खतरा
Posted on 16 Feb, 2016 03:23 PM

जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले बदलाव से सेब बागवानी प्रभाव
देश में घटता जल भण्डार
Posted on 11 Feb, 2016 01:13 PM


5 फरवरी 2016 को केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने देश के कुछ महत्त्वपूर्ण जलाशयों में पानी के भण्डारण सम्बन्धी एक आँकड़ा जारी किया। इस आँकड़े में 4 फरवरी, 2016 तक देश के मुख्य 91 जलाशयों की भण्डारण क्षमता की स्थिति को बताया गया है।

वेटलैंड को लीलता विकास
Posted on 30 Jan, 2016 01:21 PM

विश्व आर्द्रभूमि दिवस, 2 फरवरी 2016 पर विशेष


साल-दर-साल होता मौसम का गर्म मिज़ाज
Posted on 23 Jan, 2016 09:48 AM

इस बार जनवरी माह का औसत तापमान पिछले सारे रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। यदि इसकी तुलना पिछले 15 सालों के जनवरी माह के औसत तापमान से की जाये तो यह साबित होता है कि इस बार जनवरी सबसे अधिक गर्म बना हुआ है।
प्रदूषण विहीन ऊर्जा, सौर ऊर्जा मिशन के बढ़ते कदम
Posted on 16 Jan, 2016 11:26 AM
सरकार की योजना 2019-20 तक देश में छतों पर लगे पैनल के जरिए 4200 मेग
जलवायु परिवर्तन से फल एवं अनाज हो रहे हैं बेस्वाद
Posted on 29 Dec, 2015 09:19 AM
जबसे रासायनिक खाद और विदेशी बीज आने लगे तब से पैदावार भले बढ़ा हो
सूखे की चपेट में आधा देश
Posted on 25 Dec, 2015 03:29 PM

इस साल सामान्य से कम बारिश होने के कारण देश के 614 में से 302 जिले सूखे का संकट झेल रहे हैं। इससे पहले 2002 में देश को इससे भी अधिक सूखे को झेलना पड़ा था। तब कुल 383 जिले सूखे की चपेट में आये थे।

छिनता जल-जंगल-जमीन
Posted on 10 Dec, 2015 04:09 PM

विश्व मानवाधिकार दिवस, 10 दिसम्बर पर विशेष


1950 के दशक में विश्व के अधिकांश देशों से औपनिवेशिक शासन का खात्मा हो गया। पूरे विश्व में स्वतंत्रता की किरण ने नया सन्देश दिया। अब देशों की स्वतंत्रता के साथ ही मानव मात्र की स्वतंत्रता का उद्घोष शुरू हुआ। 10 दिसम्बर 1948 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने 'विश्व मानवाधिकार दिवस' मनाने का निर्णय लिया।
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