प्रभुनाथ सिंह ‘आजमी’
प्रभुनाथ सिंह ‘आजमी’
पानी में आग
Posted on 06 Jul, 2015 04:24 PMसिनेमा में पानी की उपस्थिति बहुत सहज तथा सघन है। बारिश के रूप में हो या झील के रूप में। समुद्र के रूप में हो या नदी के रूप में। पानी किसी न किसी रूप में उपस्थित होता ही है। यहाँ तक कि नदी नाला न सही तो कुआँ या स्विमिंग पूल के रूप में ही सही। अपने संदर्भों के लिए या प्रतीकों सहित यह तीज त्योहारों, व्रतों के रूप में आता है या फिर मुहावरों में - यथा हुक्का-पानी![](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/9433984812_dafbeb7c7d_m_3.jpg?itok=Q3vas6Om)